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रबी फसल हेतु सिंचाई जलाशयों से छोड़ा गया नहरों से पानी

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संभागीय स्तरीय जल उपयोगिता समिति के निर्णय एवं कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला के निर्देशानुसार कृशकों द्वारा रबी फसल के लिए पानी की मांग को देखते हुये, जल संसाधन विभाग कांकेर द्वारा मयाना जलाशय चारामा, परलकोट जलाशय कापसी एवं अन्य विभिन्न 68 लघु योजनाओं के 36 एनीकट व स्टाप डेमों से रबी फसल के लिए सिंचाई पानी छोड़ा गया है। रबी फसल हेतु इस वर्श लगभग 5063 हेक्टेयर क्षेत्र में पानी दिया जाना प्रस्तावित है। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता एन.के. चौहान ने लाभान्वित होने वाले समस्त कृषकों से अपील किया है कि ग्रीष्मकालीन रबी फसल के पानी का सदुपयोग करें। नहरों से प्रदाय किये जा रहे सिंचाई पानी व्यर्थ नदी-नाले में न बहे, इस दिशा में आवश्यक सहयोग प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सिंचाई पानी का मांग-पत्र शासन के नियमानुसार समय-सीमा में जल संसाधन विभाग के पास प्रस्तुत करें। रबी सिंचाई 2022-23 हेतु प्रत्येक ग्रामों के लिये सिंचाई क्षेत्र विभाग द्वारा चिन्हांकित किया गया है एवं समस्त ग्राम पंचायत के कृषकों को भी अवगत कराया जा चुका है जो, जलाशयों में जल उपलब्धता के आधार पर निर्धारित किया गया है। चिन्हांकित सिंचाई क्षेत्र से बाहर कृशक पानी न ले, ऐसा करने पर पानी की कमी के कारण फसलों को क्षति होने की संभावना है। रबी फसल के सिंचाई में किसी भी असमंजस की स्थिति में जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी, उप अभियंता या अमीन से संपर्क किया जा सकता है।
      कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन संभाग कांकेर द्वारा बताया गया, कि विगत वर्ष 2021-22 में खरीफ का कुल वास्तविक सिंचाई रकबा 13 हजार 272 हेक्टेयर था। इस वर्श अच्छी वर्शा हुई है एवं जलाशय में लगभग पूर्ण जल भराव रहा। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में विभागीय अमलों के साथ कार्ययोजना बनाया गया एवं प्रशासकीय कसावट, सत्त निगरानी के  फलस्वरूप इस वर्श 2022-23 में खरीफ में 19 हजार 642 हेक्टेयर में सिंचाई हुआ है, जो कि विगत वर्श की तुलना में लगभग 06 हजार 370 हेक्टेयर अधिक है।