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शातिर संदीप पाल पर गैंगस्टर,

कानपुर में शातिर अपराधी संदीप पाल पर पुलिस ने शनिवार देर रात गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। उस पर एक दर्जन आपराधिक केस दर्ज हैं। बीते महीने पुलिस ने उसकी हिस्ट्रीशीट भी खोली थी। वहीं संदीप पाल व उसके साथी को बचाने के फेर में बर्रा थानेदार इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह भी जांच के दायरे में आ गए हैं।
वहीं, गलत जानकारी देने पर डीसीपी साउथ ने थानेदार के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा जांच कर रही हैं। बर्रा निवासी संदीप पाल पर हत्या का प्रयास, लूट, जुआ, गुंडा एक्ट समेत एक दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं।
एक महीने पहले उसकी दो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इसमें वह दो सब इंस्पेक्टर गीता सिंह व भूप सिंह को सम्मानित करते दिख रहा था। पुलिस ने दोनों दरोगाओं को निलंबित किया था। एक सप्ताह के भीतर संदीप पाल की हिस्ट्रीशीट खोली थी।

पुलिस के मुताबिक संदीप बड़ा जुआरी है। जुआ के केस भी दर्ज हैं। अन्य गंभीर मुकदमे भी हैं। इसी आधार पर उसके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। कभी भी उसकी गिरफ्तारी हो सकती है। पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत उसकी अवैध संपत्तियों को भी चिह्नित कर जब्तीकरण की कार्रवाई करेगी।

इसलिए फंसे थानेदार, कार्रवाई होना तय
दरअसल, डीसीपी साउथ ने बर्रा थानेदार मानवेंद्र सिंह को निर्देशित किया था कि संदीप पाल व शिवम यादव का गैंग चार्ट तैयार करें। जानकारी के मुताबिक इंस्पेक्टर ने जो दस्तावेज तैयार कर दिए थे, उसमें इन शातिर अपराधियों के आपराधिक इतिहास में हेरफेर कर केस छिपाए गए थे।

यानी थानेदार एक तरह से इनको बचाने के प्रयास में था। इसलिए डीसीपी प्रमोद कुमार ने विभागीय जांच बिठाई है। डीसीपी का कहना है कि जांच रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आएंगे, उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी। यदि जांच में दोषी पाए गए, तो सख्त से सख्त से कार्रवाई की जाएगी।

खेल कर रहे हैं थानेदार
कानपुर से पहले मानवेंद्र सिंह की तैनाती आगरा में थी। वहां पर भी विभागीय जांच उनके खिलाफ हुई थी। उनके प्रमोशन पर भी शिकायतकर्ता ने सवाल उठाए थे। हालांकि बाद में वह मामला रफादफा हो गया था। इधर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई करने के बजाय जानकारी लीक की।

इसको लेकर अफसर उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में हैं। बता दें कि खाकी और अपराधी के गठजोड़ की तस्वीरें पुलिस महकमे से पहले भी सामने आईं हैं। गुजैनी में आठ नवंबर को शातिर अपराधी संदीप पाल ने यादव मार्केट चौकी इंचार्ज गीता सिंह और दरोगा भूप सिंह को सम्मानित किया था।

रविवार रात सम्मानित होते दोनों दरोगाओं की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। सोमवार सुबह मामले का संज्ञान लेकर डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने दरोगाओं को निलंबित कर दिया। डीसीपी ने बताया था कि मामले की जांच कराई जा रही है।

वहीं, जांच के बाद दरोगाओं पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। संदीप पाल के खिलाफ 11 केस दर्ज हैं। इसमें हत्या के प्रयास, बलवा, मारपीट, गुंडा एक्ट, मादक पदार्थ की तस्करी और जुआ के केस शामिल हैं। डीसीपी ने कहा था कि आपराधिक इतिहास के आधार पर गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी। हिस्ट्रीशीट भी खुलेगी।

कानपुर में शातिर अपराधी संदीप पाल पर पुलिस ने शनिवार देर रात गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। उस पर एक दर्जन आपराधिक केस दर्ज हैं। बीते महीने पुलिस ने उसकी हिस्ट्रीशीट भी खोली थी। वहीं संदीप पाल व उसके साथी को बचाने के फेर में बर्रा थानेदार इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह भी जांच के दायरे में आ गए हैं।

वहीं, गलत जानकारी देने पर डीसीपी साउथ ने थानेदार के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा जांच कर रही हैं। बर्रा निवासी संदीप पाल पर हत्या का प्रयास, लूट, जुआ, गुंडा एक्ट समेत एक दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं।

एक महीने पहले उसकी दो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इसमें वह दो सब इंस्पेक्टर गीता सिंह व भूप सिंह को सम्मानित करते दिख रहा था। पुलिस ने दोनों दरोगाओं को निलंबित किया था। एक सप्ताह के भीतर संदीप पाल की हिस्ट्रीशीट खोली थी।