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पहले शिकार थे, अब हिस्सेदार हैं… निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद का निशाना आखिर किस पर है?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद खड़ी-खड़ी बोलते हैं। सीधी बात करते हैं कि हम सरकार में हैं तो कार्यकर्ताओं की अपेक्षा तो होगी ही। दरअसल, पिछले दिनों योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद अपनी मांग को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंच गए। निषाद पार्टी के मुखिया और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद ने राजनीतिक नियुक्तियों एवं निगम- बोर्ड में कार्यकर्ताओं के समायोजन का सवाल लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक अपनी बात पहुंचाई। इसी को लेकर वे कहते हैं कि कई बार आपके मुद्दे हल नहीं होते तो आपको अभिभावक के पास जाना पड़ता है। पीएम मोदी से मेरी मुलाकात को योगी सरकार के मंत्री के तौर पर नहीं निषाद पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर देखी जानी चाहिए।

संजय निषाद बुधवार को हमारे अखबार नवभारत टाइम्स के कार्यक्रम एनबीटी प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। समायोजन के मुद्दे को प्रदेश की जगह केंद्र के मंच पर उठाने पर उनका कहना है कि जब भाजपा से गठबंधन हुआ था तो जेपी नड्डा यूपी के प्रभारी थे, अब वह राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। गठबंधन को तीन साल हो चुके हैं। कार्यकर्ताओं के भरोसे हम सत्ता में आए हैं। उनकी अपेक्षा होगी ही, इसलिए हमने पीएम से कहा कि अगर इनका समायोजन हो जाएगा तो निषाद पार्टी के और चेहरे भी प्रभावी होंगे, जिसका फायदा हमारे गठबंधन को भी मिलेगा।पहले शिकार थे, अब हिस्सेदार हैं
सरकार में अपनी सुनवाई व भागीदारी के सवाल पर डॉ. निषाद ने कहा कि हम अपनी भागीदारी व भूमिका को लेकर संतुष्ट हैं। सीएम भी हमारी अपेक्षाएं सुनते हैं। विधानसभा में कभी हमारा एक विधायक था, अब 11 हैं। 6 हमारे सिंबल पर है। आज हमारे मुद्दे प्रमुखता से उठते हैं। पहले हम शिकार थे, अब सरकार में भागीदार हैं। इसलिए, उपेक्षा का कोई मसला नहीं है। गठबंधन के भागीदार के तौर पर हम दिल्ली में अपनी अपेक्षा व सुझाव रखते हैं न कि शिकायत करते हैं।रैपिड फायर में दिया सवालों का जवाब
निषाद आरक्षण मुद्दा हल न होने पर भी 2024 में आप भाजपा के साथ रहेंगे?
जवाब- हां।

क्या आप सीएम बनना चाहते हैं?
जवाब- हां।

क्या आप योगी को मोदी के सबसे योग्य विकल्प के तौर पर देखते हैं?
जवाब- स्किप।

अपनी आरती-पूजा को सही मानते हैं?
जवाब- नहीं।

2024 के लोकसभा चुनाव में क्या परिवार के बाहर भी टिकट देंगे?
जवाब- हां।