प्रयागराज में बस पलटी, दो छात्रों की मौत: 40 लोगों की सीट और बैठाया 83 को, इन तस्वीरों में देखें दर्दनाक हादसा – Lok Shakti

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प्रयागराज में बस पलटी, दो छात्रों की मौत: 40 लोगों की सीट और बैठाया 83 को, इन तस्वीरों में देखें दर्दनाक हादसा

जौनपुर से पिकनिक पर जा रही बच्चों से भरी बस प्रयागराज के भैंसकी गांव के पास पलट गई। हादसे में अंकित यादव (16) व अनुराग (15) निवासी जौनपुर की मौत हो गई। बच्चों व शिक्षक समेत 21 लोग जख्मी हो गए। हालत गंभीर होने पर इनमें से सात को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे के लिए बाइक चालकों को भले जिम्मेदार माना जा रहा है, लेकिन स्कूल, बस संचालकों और परिवहन विभाग की लापरवाही भी इसके लिए कम जिम्मेदार नहीं है।

40 सीट वाली बस में कुल 83 लोगों को बैठाया गया था। ऐसे में बस ओवरलोड भी हुई। बस चली गई और पुलिस, परिवहन विभाग के अधिकारियों को यह लापरवाही नजर नहीं आई।  जौनपुर के रामपुर ब्लॉक के परमालपुर गांव में श्रीमती कांति देवी जनता विद्यालय है। यहां के स्टाफ के साथ बच्चे शनिवार को पिकनिक मनाने निकले थे। उन्हें पहले आनंद भवन और फिर प्रतापगढ़ के मनगढ़ जाना था।  स्कूल और वहां पढ़ने वाले छात्रों के अनुसार, छात्र-छात्राओं के मनगढ़ जाने के लिए स्कूल में तीन-तीन सौ रुपये प्रति छात्र लिए गए थे।  

कुल 75 छात्र-छात्राओं को पिकनिक पर ले जाने के लिए चिह्नित किया गया। फिर स्कूल प्रशासन की ओर से टूरिस्ट बस की गई। चौरी, भदोही निवासी एक व्यक्ति की बस 15 हजार रुपये में की गई। बस के संचालक विनोद पाठक ने बताया कि जिस समय बताया गया कि 75 विद्यार्थी जाएंगे, उन्होंने उसी समय मना कर दिया था, लेकिन स्कूल प्रशासन के दबाव में बस गई। 

विनोद के अनुसार, बस में बैठाते समय चालक ने भी मना किया था। बावजूद इसके 75 विद्यार्थी और आठ अन्य लोग बैठाए गए। यानी चालक को लेकर कुल संख्या 83 हो गई। एक ही दिन का टूर था। शाम तक वापसी के लिए तैयारी थी। बताया कि इस बस में 40 सवारियों के बैठाने की अनुमति है। यानी कुल मिलाकर लापरवाही कई स्तर से हुई।

स्थानीय लोग भागकर पहुंचे तो बच्चे भीतर फंसे चीख रहे थे। कई लहूलुहान हाल में थे। घायलों को बस से निकालकर सीएचसी ले जाया गया, जहां से 23 को एसआरएन रेफर कर दिया गया। तब तक कई पुलिस भी पहुंच चुकी थी। एसआरएन में दो छात्रों को मृत घोषित कर दिया गया। उधर, सात गंभीर घायलों को छोड़कर अन्य को प्राथमिक उपचार के बाद छोड़ दिया गया।