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Editorial :- बड़ों का अपमान करने वाले परंपरावादी राहुल गैंग की ओछी राजनीति

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राहुल गांधी की चर्चा करने इसके पूर्व इनके राजनीतिक गुरू दिग्विजय सिंह और मणिशंकर अय्यर की चर्चा करना उचित रहेगा।पाकिस्तान में मणिशंकर अय्यर ने एक टीवी चैनल पर साक्षात्कार देते समय भारत के प्रधानमंत्री मोदी को हटाने के लिये आईएसआई तक की सहायता मांगी थी। वे ही मणिशंकर अय्यर वहॉ पर बोले  ” जो आज सत्ता में हैं, उनके गुरु सावरकर ने सबसे पहले दी थीटू नेशन’ की थ्योरी आज राहुल गांधी गैंग के एक और सदस्य फिल्मी गीतकार जावेद अख्तर ने भी इसी से मिलती जुलती प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उन्हीं के पद चिन्हों पर चलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जिस समय कांग्रेस नेहरूगांधी परिवार अंग्रेजों से लड़ रहा था उस समय वीर सावरकर अंग्रेजों से क्षमा मांग रहे थे।यही प्रतिक्रिया कांग्रेस और उनके वामपंथी साथी अटल जी के बारे में देते रहे हैं। अटल जी को ये सब अंग्रेजों के एजेंट कहते रहे हैं।आज राहुल गांधी और उसके अन्य संगीसाथी अटल जी की भक्ति का ढोंग रच रहे हैं इसकी चर्चा भी इस संपादकीय मेें करना आवश्यक है।
इसके पूूर्व टू नेशन थ्योरी की चर्चा करना आवश्यक है। यह ऐतिहासिक तथ्य है कि टू नेशन थ्योरी के जन्म दाता जिन्ना और नेहरू थे। दोनों ही अपनेअपने देशों के प्रधान बनने के लिये भारत का विभाजन स्वीकार किया। इसी टू नेशन थ्योरी पर अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैय्यद थे। यही कारण है कि इस युनिवर्सिटी में जिन्ना की फोटो विराजमान है।
राहुल गांधी के गुरू दिग्विजय  २६/११ मुंबई आतंकी हमले के लिये राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को जिम्मेदार ठहराने वाली पुस्तक का विमोचन किया था और इसको इंडोर्स किया था। यही दिग्विजय सिंह आज बहुत ही घृणित ओछी राजनीति किये हैं।
संत भय्यूजी महाराज की मौत पर मध्य प्रदेश पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बड़ा बयान दिया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि भय्यूजी शिवराज सरकार द्वारा नर्मदा में करवाई जा रही अवैध खनन को लेकर चिंतित थे. भय्यूजी महाराज ने इंदौर में मंगलवार को खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी. खुदखुशी के बाद तकरीबन छह लाइन का उनका सुसाइड नोट भी सामने आया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि काफी तनाव में हूं और परेशान हूं, मैं जा रहा हूं.
आपको बता दें कि अभी तक इस बात का पता नहीं चल सका है कि वह किस कारण से तनाव में जी रहे थे.
मी़डिया से बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि, भय्यूजी महाराज शिवराज सिंह द्वारा नर्मदा में कराए जा रहे अवैध खनन के लेकर चिंतित थे. शिवराज सिंह ने भय्यूजी महाराज को अपना मुंह बंद रखने के लिए मंत्री पद भी ऑफर किया था. लेकिन उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया था. उन्होंने खुद मुझे कॉल पर इस बारे में बताया था.
सबसे पहले अटल जी को देखने गया, समारोहों में आडवाणी जी की रक्षा करता हूं। राहुल ने कहा कि अटलजी बीमार हैं सबसे पहले मैं वहां गया. क्योंकि मैं समझता हूं. उन्होंने हमारे खिलाफ लड़ाई लड़ी लेकिन वो देश के प्रधानमंत्री रहे हैं उन्होंने ने देश के लिए काम किया है.
राहुल गांधी के इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते  हुए बीजेपी ने ठीक ही कहा है कि राहुल गांधी अब वाजपेयी जी के हालचाल पूछने पर भी राजनीति कर रहे हैं और ऐसे मामलों में बयानबाजी करना ओछी राजनीति है।
राहुल गांधी पर आरएसएस द्वारा जो केस किया गया है उसके आरोप तय हो गये हैं। उस संबंध में इतना ही कहना पर्याप्त है कि अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवक रहे हैं। जनता पार्टी के शासन के समय जब दोहरी सदस्यता का मुद्दा उछला तब अटल जी के नेतृत्व में भाजपा जनता पार्टी से अलग हो गई थी। उसी अटल जी की मातृ संस्था संघ पर झूठे आरोप लगाकर आज मुकदमें का सामना कर रहे हैं। यह सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट के लिये किया जा रहा है।
पीएम मोदी के फिटनेस चैलेंज पर भी ओछी राजनीति कांग्रेस कर रही है।
आज अटल, आडवाणी के राहुल भक्त हो गये हैं। वास्तव में  बुजुर्ग नेताओं का अपमान करने की तो कांग्रेस पार्टी में परम्परा सी रही है। इसके अनगिनत उदाहरण हमारे सामने हैं। आइये हम सिलसिलेवार तरीके से उन प्रमुख प्रकरण पर नजर डालते हैं जिनमें कांग्रेस ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सीताराम केसरी, प्रणब मुखर्जी और नरसिम्हा राव जैसे दिग्गज राजनेताओं का अपमान किया गया है। इसकी चर्चा इसी पृष्ठ पर अलग लेख में विस्तार से हुई है।
राहुल गांधी को चाहिये कि वे अटल, आडवाणी जी के बारे में और संघ के बारे में विस्तार से जानने के लिये जिस प्रकार से पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी संघ के कार्यक्रम में सम्मिलित हुए और संघ के संस्थापक डॉ हेगड़ेवार को भारत माता का सच्चा सपूत कहा और संघ के द्वितीय सरसंघचालक गोलवरकर जी के फोटो पर सुमन अर्पित किये उसी का अनुसरण करते हुए राहुल गांधी भी संघ की शाखा में जाएं और निकटता से संघ को समझने  का प्रयत्न करें।