श्रमदान कर गांव के लोग खेतों से गौठान पहुंचा रहे पैरा – Lok Shakti

Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

श्रमदान कर गांव के लोग खेतों से गौठान पहुंचा रहे पैरा

कलेक्टर डॉ  सर्वेश्वर नरेंद्र  भुरे ने जिले के किसानों से अधिक से अधिक पैरा दान करने की अपील की है ताकि गौठनों में पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके। उन्होंने पैरा को अपने नजदीक के गौठान में दान करने का आग्रह किया है। कलेक्टर के मार्गदर्शन में जिले में चल रहे पैरा दान महा अभियान में संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी तत्परता से जुड़े हुए हैं।

उन्होंने  बताया कि खेतों में पड़े फसल के अवशेष को जलाने से होने वाले प्रदूषण देश भर में एक समस्या के तौर पर देखा जाता है।  छत्तीसगढ़ राज्य में शासन और जनता के परस्पर समन्वय ने इस समस्या का समाधान ढूंढ निकालना संभव प्रतीत हो रहा  है।  धान की फसल काटने के बाद बचे पैरा को लोग गौठानों में दान कर रहे है। पैरा दान के इस महाअभियान में आम लोगों के साथ साथ, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी अपना योगदान दे रहे है।  
कलेक्टर डॉ भुरे ने कहा कि राज्य शासन ने पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सुराजी गांव योजना के तहत गौठान बनाए है। इनमे पशुओं के लिए चारे एवं पानी का निरूशुल्क इंतजाम गौठान समितियों द्वारा किया जाता है । पशुधन के लिए गौठान में सूखे चारे का पर्याप्त व्यवस्था हो जाने से समितियों को आसानी होगी।
राज्य शासन के पहल  पर लोगों ने श्रम दान कर गौठानों तक पैरा पहुंचाया है साथ ही कुछ स्थानों में ट्रांसपोर्ट के लिए पैसों का भुगतान गौठान  समितियों द्वारा किया जा रहा है। जिले के आरंग विकासखंड के ग्राम सेमरिया पैरा दान के इस अभियान में एक मिसाल बना है जहां गांव भर के लोगों ने सिर में पैरा ढोकर उसे गौठान तक पहुंचाया है।  

आम लोगों के साथ जनप्रतिनिधि भी इस अभियान में भाग ले रहे है। धरसीवां विकासखंड के ग्राम मटिया में जनप्रतिनिधि श्री उधोराम वर्मा ने अपने खेतों से पैरा इकठ्ठा कर गौठान में पहुंचाया और साथ ही लोगों को भी गौठान में पैरा दान करने के लिए जागरूक कर रहे है। उनका कहना है की पैरा दान करने से प्रदूषण से तो बचा ही जा सकता है साथ ही इससे गौमाता की सेवा भी हो रही है।  

राज्य में धान की फसल कटाई बहुतायत रूप से कंबाइन हार्वेस्टर से की जाती है। इससे पैरा खेतों में फैल जाता है और इस पैरा को किसान एकत्र न करने की वजह जला देते हैं। खेती में फैले हुए पैरा को एकत्र कर बंडल बनाने के लिए किसान पारंपरिक तरीकों के साथ साथ कृषि गट्ठा बांधने की मशीन का सहयोग ले रहे हैं।