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गोधन न्याय योजना से खुला रोजगार का द्वार

छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है गोधन न्याय योजना। इस योजना की शुरुआत करने का उद्देश्य पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना है। इस योजना के तहत शासन द्वारा गौपालक किसानों से गोबर खरीद कर खरीदे गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम किया जा रहा है। जिसे वन विभाग, उद्यानिकी व कृषि विभाग और किसानों को बेचा जा रहा है। इस योजना के तहत दंतेवाड़ा जिले के गौठानों में आजीविका संवर्धन और गौपालक किसानों को आर्थिक सहायता प्राप्त करने के उद्देश्य से विभिन्न ग्राम पंचायतों में गौठान व चारागाह का निर्माण किया गया है। यह योजना ग्रामीणों के लिए आमदनी का बेहतर जरिया है। इसके कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। गौठान में केंचुआ खाद व सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है जो की आज की स्थिति में उत्पादक व विक्रय का केंद्र बना है। गौठान में समूह की दीदियां गोबर खरीदी कर खाद निर्मित कर रही हैं। उपलब्ध गोबर से महिला समूह द्वारा जैविक खाद्य बनाकर इसका विक्रय से लाभ अर्जित कर रहीं है। अब तक इस केंद्र से कुल गोबर खरीदी 79377.29 क्विंटल जिसका मूल्य रु० 158.75 लाख गोबर विक्रेता हितग्राहियों को प्रदान किया जा चुका है। गौठान में प्राप्त गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद कुल मात्रा 1808944 किलोग्राम व सुपर कम्पोस्ट कुल मात्रा 718381 किलोग्राम का उत्पादन कर 1424071 किलोग्राम वर्मी कम्पोस्ट एवं 66183 किलोग्राम सुपर कम्पोस्ट का विक्रय किया गया। जिससे 9493 हितग्राही लाभान्वित हुए। गौठान में गोबर खरीदी से अनेक प्रकार के रोजगार सृजन हुए है। इससे जहां एक ओर मृदा स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है, वहीं गुणवत्ता युक्त फसल उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है।