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यूपी : गोरखपुर के श्री गांधी इंटर कॉलेज केस में अफसर के झूठे हलफनामे पर हाईकोर्ट नाराज

गोरखपुर के श्री गांधी इंटर कॉलेज में 22 वर्षों से रिक्त प्रधानाचार्य पद को लेकर  इलाहाबाद उच्च न्यायालय में झूठा हलफनामा दायर करने के मामले में पूर्व अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) आराधना शुक्ला के खिलाफ न्यायालय ने सख्त टिप्पणी की है। अगली तारीख 25 नवंबर तय की गई है। इस मामले में कोर्ट में पक्ष रखने के लिए अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी को तलब किया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह ने कॉलेज की याचिका पर याची की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अवनीश त्रिपाठी को सुनकर दिया है। कोर्ट ने सीनियर मोस्ट ऑफिसर के झूठे हलफनामे पर गंभीर नाराजगी जताई है। पूर्व अपर मुख्य सचिव और मौजूदा अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा के हलफनामे में अंतर पाए जाने के बाद कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा, मुख्यमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र गोरखपुर दयनीय स्थिति में है।

इस कॉलेज में 22 वर्षों से प्रधानाचार्य का पद न भरे जाने और अधिकारियों के खिलाफ  कार्रवाई संबंधी झूठा हलफनामा दाखिल करने पर अदालत ने अपनी नाराजगी दर्ज कराई। कहा, सरकार की ओर से इसे पूरा करने के लिए दिए गए उपक्रम के बावजूद माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में कोई सदस्य उपलब्ध नहीं है। ताकि, साक्षात्कार कराया जा सके।

याची के अधिवक्ता ने कहा कि इस बारे में स्कूल प्रशासन की ओर से कई बार माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और माध्यमिक शिक्षा सचिव उत्तर प्रदेश को सूचित किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे पहले कोर्ट में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला की ओर से हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि याची के स्कूल में प्रधानाचार्य के पद को भरे जाने के लिए कार्रवाई की जा रही है।

इसके बावजूद उक्त पद अब तक खाली है।  कोर्ट ने इससे पहले भी कहा था कि शिक्षा समाज की बुनियादी जरूरतों से जुड़ा हुआ मुद्दा है। उसे ऐसे ही नहीं छोड़ा जा सकता है। इससे छात्र प्रभावित होंगे और भारी क्षति होगी। लिहाजा शिक्षा व्यवस्था को सुव्यवस्थित और विश्वसनीय बनाए जाने की जरूरत है, जिससे समाज लाभान्वित हो सके। लेकिन, अब तक स्थिति जस की तस है।

गोरखपुर के श्री गांधी इंटर कॉलेज में 22 वर्षों से रिक्त प्रधानाचार्य पद को लेकर  इलाहाबाद उच्च न्यायालय में झूठा हलफनामा दायर करने के मामले में पूर्व अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) आराधना शुक्ला के खिलाफ न्यायालय ने सख्त टिप्पणी की है। अगली तारीख 25 नवंबर तय की गई है। इस मामले में कोर्ट में पक्ष रखने के लिए अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी को तलब किया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह ने कॉलेज की याचिका पर याची की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अवनीश त्रिपाठी को सुनकर दिया है। कोर्ट ने सीनियर मोस्ट ऑफिसर के झूठे हलफनामे पर गंभीर नाराजगी जताई है। पूर्व अपर मुख्य सचिव और मौजूदा अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा के हलफनामे में अंतर पाए जाने के बाद कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा, मुख्यमंत्री का निर्वाचन क्षेत्र गोरखपुर दयनीय स्थिति में है।