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बिजली बिल में छूट से घर रोशन के साथ अन्य आवश्यकतायें भी हो रहीं पूरी

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित हाफ बिजली बिल योजना से राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिल रही है।  01 मार्च 2019 से प्रतिमाह खपत की गई 400 यूनिट तक की बिजली पर प्रभावशील विद्युत की दर का आधा बिल भेजा जा रहा है। सितंबर 2022 की स्थिति में इस योजना के अंतर्गत 41.84 लाख घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को लाभ दिया जा रहा है । विगत 04 वर्षों में योजना के अंतर्गत रु 3151 करोड़ की छूट दी गई है। उक्त योजना लागू होने से प्रदेश के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं का विद्युत देयक आधा हो जाने के कारण निम्न एवं मध्यम वर्ग के उपभोक्ता बचत की राशि से अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम हुए हैं। शासन द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए विद्युत खपत की कोई सीमा नहीं रखी गई है। उनके द्वारा खेती में उपयोग की जा रही पूरी बिजली को निःशुल्क रखा गया है। इस योजना के अंतगर्त पात्र कृषकों को 3 अश्वशक्ति तक कृषि पम्प के बिजली बिल में 6000 यूनिट प्रति वर्ष एवं 3 से 5 अश्वशक्ति के कृषि पम्प के बिजली बिल में 7500 यूनिट प्रति वर्ष छूट दी जा रही है।उपरोक्त छूट के अतिरिक्त कृषकों को फ्लेट रेट दर पर बिजली प्राप्त करने का विकल्प भी दिया गया है। फ्लेट रेट विकल्प चुनने वाले किसानों को उनके द्वारा की गई विद्युत खपत की कोई सीमा न रखते हुए, मात्र 100/- प्रतिमाह प्रति अश्वशक्ति की दर से बिजली बिल का भुगतान करना होगा। शासन द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए विद्युत खपत की कोई सीमा नहीं रखी गई है। उनके द्वारा खेती में उपयोग की जा रही पूरी बिजली को निःशुल्क रखा गया है। योजना का विस्तार करते हुए अगस्त 2018 से फ्लेट रेट की सुविधा राज्य के समस्त किसानों के सभी सिचाई पम्पों पर बिना पम्प की क्षमता के सीमा के उपलब्ध करायी जा रही है। इसके अन्तर्गत किसानों को 5 अश्व शक्ति तक द्वितीय पम्प के लिए रू. दो सौ रूपये  प्रति अश्व शक्ति प्रतिमाह 5 अश्व शक्ति से अधिक प्रथम एवं द्वितीय पम्प के लिए रू. दो सौ रूपये प्रति अश्व शक्ति प्रतिमाह 5 अश्व शक्ति एवं 5 अश्व शक्ति से अधिक तृतीय एवं अन्य पंप के लिए रू तीन सौ रूपये प्रति अश्व शक्ति प्रतिमाह की दर से बिल भुगतान हेतु सुविधा प्रदान की गई है। विगत 04 वर्षों में योजना के अंतर्गत रू 10,432 करोड की छूट दी गई है।कृषि पंपों के ऊर्जीकरण प्रति पंप एक लाख रू एवं अधिकतम 1.50 लाख तक अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।  विगत 04 वर्षों में 534 करोड़ व्यय कर 64,918 पंपों के लाईन विस्तार कार्य पूर्ण किये गये है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को प्रत्येक माह 30 यूनिट तक निःशुल्क विद्युत प्रदाय किया जाता है। इन बी०पी०एल० कनेक्शनधारियों के 30 यूनिट खपत के विद्युत देयक राशि का प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा किया जाता है। विगत 04 वर्षों में योजना के अंतर्गत रू 1,973 करोड़ की छूट दी गई है।