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जय सियाराम के जयकारे… 11 साल बाद पुलिस की ‘कैद’ से रिहा हुए राम-लक्ष्मण और जानकी, जानिए पूरा मामला​​

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कानपुर देहात : रूरा के प्राचीन मंदिर में 11 साल बाद शुक्रवार को फिर से रौनक लौट आई है। कानूनी पेंच से मुक्त होने के बाद भगवान राम, माता सीता व लक्ष्मण की मूर्तियों को मंदिर में पुन: प्रतिष्ठित किया गया। इस मौके पर भक्त भाव विभोर हो गए। जय सियाराम के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। 11 साल पहले मंदिर से अष्टधातु की तीनों मूर्तियां चोरी हो गई थीं।

रूरा के गढ़ी में राम जानकी का प्रचाीन मंदिर है। मंदिर से अष्टधातु की राम, सीता व लक्ष्मण की मूर्तियां 24 नवंबर 2011 को चोरी हो गई थीं। मंदिर के सर्वराकार रामू गुप्ता की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। घटना के बाद मंदिर में सन्नाटा पसरा रहता था। वहां नियमित पूजन करने वालों में मायूसी थी। साथ ही अपने राम लखन सिया के आने का इंतजार था। वह अब खत्म हो चुका है।

एक साल बाद बरामद हो गई थीं मूर्तियां
अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मूर्तियों की बरामदगी की कोशिश में लगी रही। मामला अष्टधातु की मूर्तियों का था तो अफसर भी लगातार मानीटरिंग करते रहे। आखिर में एक साल बाद वर्ष 2012 में पुलिस ने चार चोरों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही से मूर्तियां बरामद कर ली थीं लेकिन माल मुकदमाती होने की वजह से मूर्तियों को पुलिस ने थाने के मालखाने में रखा था। इसके बाद बिना किसी पूजन व भोग के भगवान 11 साल तक मालखाने में कैद रहे। उनकी साफ सफाई तक नहीं हुई।

कोर्ट के आदेश पर रिहा हुए राम लक्ष्मण जानकी
मंदिर की सर्वराकार अन्नो देवी ने बताया कि मूर्तियां बरामद होने के बाद वह लगातार उन्हें रिलीज कराने के लिए परेशान रहीं। कानूनी दांवपेंच में मामला 11 साल तक लटका रहा। कई बार ऐसा लगा कि रिलीज आर्डर हो जाएगा लेकिन कोई न कोई अड़चन आ जाती थी। उनके बेटे रामू गुप्ता ने बताया कि बड़ी मुश्किल से कोर्ट से मूर्तियां रिलीज होने का आदेश आया है। पुलिस ने शुक्रवार को मूर्तियां सर्वराकार को सौंप दीं। कस्बा के लोगों में इससे खुशी है।

माता सीता की उंगली व लक्ष्मण का हाथ टूटा
कस्बे के राम जानकी मंदिर से चोरी हुईं भगवान राम, लक्ष्मण व सीता की मूर्तियां अष्टधातु की होने की वजह से बेहद कीमती हैं। कोर्ट से रिलीज आर्डर के बाद मूर्तियां जब सर्वराकार को सौंपी गई तो माता सीता की उंगली टूटी थी साथ ही लक्ष्मण का एक हाथ गायब है। सर्वराकार व पुलिस ने आशंका जताई की चोरी के बाद चोरों ने मूर्तियों के कुछ हिस्से को तोडक़र उनकी जांच कराई होगी। ताकि ये पता चल सके कि मूर्तियां अष्टधातु की ही हैं। फिलहाल उंगली व हाथ टूटा देख भक्तों का मन खिन्न हो गया।
रिपोर्ट-गौरव राठौर