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बेटा-बेटी लड़ नहीं सकते इसलिए डिंपल को चुनाव लड़ा रहे अखिलेश… बीजेपी सांसद का सपा पर करारा तंज

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कन्नौज: यूपी में कन्नौज से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने मैनपुरी में हो रहे उपचुनाव में सपा से डिंपल यादव (Dimple Yadav) के प्रत्याशी बनाये जाने को लेकर समाजवादी पार्टी पर करारा तंज कसा है। उन्होंने अपना एक वीडियो बयान जारी कर कहा कि परिवारवाद से वंशवाद पर आ गए। डिंपल यादव के मैनपुरी से उपचुनाव में प्रत्याशी घोषित करने को लेकर कन्नौज से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने समाजवादी पार्टी को लेकर करारा तंज कसा है। उन्होंने कहा कि यदि बेटा और बेटी की उम्र चुनाव लड़ने लायक होती तो अखिलेश उन्हें लड़ाते।

मैनपुरी में हो रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव को वहां से प्रत्याशी बनाया है। वहीं डिंपल यादव के नाम के ऐलान से पहले इस सीट से पूर्व सांसद तेजप्रताप का नाम चर्चा में था। कन्नौज से 2019 में लोकसभा चुनाव में भाजपा के सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को करीब 20 हजार वोटों से हरा दिया था।

सुब्रत पाठक ने वीडियो बयान जारी कर कहा कि समाजवादी पार्टी ने अपने मूल चरित्र के अनुसार ही मैनपुरी से लोकसभा प्रत्याशी श्रीमती डिंपल यादव को घोषित किया है। जिस प्रकार से समाजवादी पार्टी का निर्माण समाजवाद के नाम पर हुआ था। परंतु जब पार्टी अस्तित्व में आई तो जातिवादी हो गई और जातिवादी से जब इसका विस्तार हुआ तो यह परिवारवादी हो गए।

‘भतीजा सांसद, बहू सांसद, विधायक सब घर में हो गए’
सुब्रत पाठक ने कहा कि मानिये एक ही परिवार के लोगों को सब कुछ मिलेगा बेटा मुख्यमंत्री भाई कैबिनेट मंत्री एक भाई राज्यसभा से भतीजा सांसद, बहू सांसद, विधायक सब घर में हो गए । लेकिन जब उसके बाद पार्टी का विस्तार हुआ तो मानिये बाप के बाद बेटा ही आएगा। माननीय मुलायम सिंह जी के बाद अखिलेश जी का ही नंबर आया। शिवपाल को भी पार्टी भूल गई और जब अब मैनपुरी का उपचुनाव हो रहा है, मुलायम सिंह जी की विरासत के नाम पर जिस प्रकार श्रीमती डिंपल यादव जी को लाए हैं।

‘बेटा और बेटी की उम्र चुनाव लड़ने लायक नहीं है नहीं तो उनको लाते’
सुब्रत पाठक ने कहा कि अखिलेश यादव के बेटा और बेटी की उम्र चुनाव लड़ने लायक नहीं है नहीं तो उनको लाते। तो बेटा और बेटी चुनाव लड़ नहीं सकते इसलिए अपनी पत्नी को टिकट दे दिया है। जबकि धर्मेंद्र और तेजप्रताप वहां दो उम्मीदवार उनके परिवार से ही थे उनको भी दरकिनार कर दिया। परिवार को भी दरकिनार करके वंशवाद के ऊपर जिस प्रकार से विश्वास व्यक्त किया है । यही समाजवादी का मूल चरित्र है । लेकिन शायद यह भूल गए हैं कि इस बार मैनपुरी की जनता वंशवाद के नाम पर वोट नहीं करेगी, राष्ट्रवाद के नाम पर वोट करेगी । मैनपुरी में कमल खिलेगा ।

क्या बोले भाजपा सांसद सुब्रत पाठक?
समाजवादी पार्टी ने अपने मूल चरित्र के अनुसार ही मैनपुरी से लोकसभा प्रत्याशी श्रीमती डिंपल यादव को घोषित किया है। जिस प्रकार से समाजवादी पार्टी का निर्माण तो समाजवाद के नाम पर हुआ था परंतु जब पार्टी अस्तित्व में आई जातिवादी हो गई। जातिवादी से जब इसका विस्तार हुआ तो यह परिवार वादी हो गए मानीय एक ही परिवार के लोगों को सब कुछ मिलेगा। बेटा मुख्यमंत्री भाई कैबिनेट मंत्री एक भाई राज्यसभा से सांसद भतीजा सांसद बहु सांसद विधायक सब घर में हो गए तो लेकिन जब उसके बाद पार्टी का विस्तार हुआ तो मानीय बाप के बाद बेटा ही आया माननीय मुलायम सिंह जी के बाद अखिलेश जी का ही नंबर आया शिवपाल को भी पार्टी भूल गई और जब अब मैनपुरी का उपचुनाव हो रहा है।

परिवारवाद से अब वंशवाद-सुब्रत पाठक
सांसद बोले मुलायम सिंह जी की विरासत के नाम पर जिस प्रकार श्रीमती डिंपल यादव जी को लाए हैं। उस पर मेरा इतना ही कथन है कि चूंकि अखिलेश यादव के बेटा और बेटी की उम्र चुनाव लड़ने लायक नहीं है नहीं तो उनको लाते तो बेटा और बेटी चुनाव लड़ नहीं सकते इसलिए अपनी पत्नी को टिकट दे दिया है जबकि धर्मेंद्र और तेजप्रताप वहां दो उम्मीदवार उनके परिवार से ही थे। उनको भी दरकिनार कर दिया परिवार को भी दरकिनार करके वंशवाद के ऊपर जिस प्रकार से विश्वास व्यक्त किया है यही समाजवादी का मूल चरित्र है और लेकिन शायद यह भूल गए हैं। इस बार मैनपुरी की जनता वंशवाद के नाम पर वोट नहीं करेगी राष्ट्रवाद के नाम पर वोट करेगी मैनपुरी में कमल खिलेगा।
इनपुट-पंकज श्रीवास्तव