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Editoria:धरती पर कुछ लोगों का जन्म केवल इतिहास रचने के लिए होता है

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9-11-2022

 कहते हैं कि इस धरती पर कुछ लोगों का जन्म केवल इतिहास रचने के लिए होता है। जी हां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हीं में से एक हैं। मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही कई ऐसे असंभव प्रतीत होने वाले कार्यों को करके इतिहास रच दिया है जिन्हें पहले की सरकारें करने के बारे में सोच भी नहीं सकती थीं। चाहे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की बात हो या फिर मेक इन इंडिया से देश को एक नयी पहचान दिलाने की बात हो, मोदी सरकार लगातार काम करती जा रही है।

साल 2014 के पहले तक जहां बैंकों की स्थिति अधिक अच्छी नहीं थी, वहीं 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से ही बैंकों की स्थिति को सुधारने के लिए निरंतर कार्य किए गए। जिसमें पहले की सरकार से विरासत में मिला NPA (जब ग्राहक बैंक का कर्ज समय पर नहीं चुका पाता है तो वह फंसा हुआ कर्ज NPA में बदल जाता है) नामक संकट भी शामिल था। इस संकट का सफाया करने में सरकार को 8 सालों का लंबा समय लग गया और अंततः यह संकट दूर हुआ।

बैंकों की स्थिति में सुधार का सबसे बड़ा उदाहरण अभी हाल ही में सामने आया है। दरअसल, देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने एक ट्वीट के माध्यम से कहा कि “NPA को कम करने और पीएसबी के स्वास्थ्य को और मजबूत करने के लिए हमारी सरकार के निरंतर प्रयास अब ठोस परिणाम दिखा रहे हैं। सभी 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने Q2FY23 में 25,685 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ और H1FY23 में कुल 40,991 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ घोषित किया, जो क्रमशः 50% और 31.6% बढ़ा है”।

ध्यान देने वाली बात है कि मोदी सरकार और वित्त मंत्री सीतारमण ने असंभव को संभव कर दिखाया है। जिससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बहुत अधिक लाभ प्राप्त हुआ है।

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SBI को हुआ लाभ

अगर आंकड़ों कि माने तो भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक को दूसरी तिमाही में अधिक लाभ हुआ है। SBI को चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में एकल आधार पर लगभग 13,265 करोड़ रुपये का लाभ हुआ। जो की पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 74 फीसदी से अधिक है। SBI ने शनिवार को शेयर बाजारों को यह सूचना देते हुए कहा है कि फंसे कर्जों यानी NPA के लिए वित्तीय प्रावधान में कमी आने के कारण और ब्याज आय बढ़ने से उसके लाभ में मुनाफा देखने को मिला है। इस साल के पहले की समान तिमाही में बैंक का एकल आधार पर लाभ की बात की जाए तो यह 7,627 करोड़ रुपये था। दूसरी तिमाही में बैंक की कुल आय भी बढ़कर 88,734 करोड़ रुपये तक पहुंच गयी। यह एक साल पहले की समान तिमाही में 77,689.09 करोड़ रुपये थी। जुलाई से सितंबर तिमाही में बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता अच्छी होती गयी।

सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक का वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में लाभ 89 फीसदी बढ़कर 2525 करोड़ रुपये का रहा है। वही बैंक को पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की इस समान तिमाही में 1,333 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा देखने को मिला था। केनरा बैंक की ओर से जारी होने वाले एक बयान के अनुसार, दूसरी तिमाही में बैंक की कुल आय बढ़कर 24,932.19 करोड़ रुपये तक हो गयी है, जो एक साल पहले इस समान अवधि में 21,331.49 करोड़ रुपये की थी। वहीं इसी के साथ 30 सितंबर, 2022 तक बैंक का NPA घटकर सकल अग्रिम का 6.37 फीसदी ही रह गया, जो सितंबर, 2021 के अंत में 8.42 फीसदी पर था।