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Editorial :- ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द को प्रचारित करने के लिये प्रियंका चोपड़ा के बाद अब यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी माफी मांगे

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प्रियंका चोपड़ा अपने हॉलीवुड टीवी शोक्वांटिकोÓ के सीजन 3 के एक एपिसोड को लेकर सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल की जा रही थीं. दरअसल, शो के एक एपिसोड में भारतीय राष्ट्रवादियों को आतंकी बताया गया था जिसके बाद से ही प्रियंका को सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था.
जिसके बाद प्रियंका ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया और कहा कि, “मैं बहुत दुखी और शर्मिंदा हूं कि क्वांटिको के एक विवादित एपिसोड से कई लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. मेरा मकसद कभी भी किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. मैं माफी मांगती हूं. मुझे भारतीय होने पर गर्व है.”  इससे पहले क्वांटिको के निर्माताओं ने माफी मांग थी. एबीसी नेटवर्क ने यह माफी क्वांटिको के उस एपिसोड के लिए मांगी थी, जिसमें आतंकी हमले के पीछे भारतीय राष्ट्रवादियों के होने की बात कही गई थी. गुरुवार को एक ट्वीट के जरिए एएनआई ने इसकी जानकारी दी थी. अपने ट्वीट में एएनआई ने लिखा था, ‘क्वांटिकोÓ के एपिसोड को बहुत ज्यादा इमोशनल रिएक्शन मिले हैं और उनमें से ज्यादातर प्रियंका चोपड़ा पर किए गए हैं लेकिन प्रियंका का इसमें कोई हाथ नहीं है क्योंकि ही उन्होंने शो बनाया है और ही शो लिखा या डायरेक्ट किया है. इस वजह से ऐबीसी नेटवर्क हिंदुओं से क्वांटिको में हिंदुओं को आतंकी कहे जाने के लिए माफी मांगता है. आपको बता दें कि शो में प्रियंका एफबीआई एजेंट की भूमिका निभा रही हैं.
यह बड़े ही दुख की बात है कि इस हिंदू विरोधी मानसिकता को प्रियंका ने स्वीकार कर लिया. ऐसे दूषित विचार का प्रियंका ने विरोध क्यों नहीं किया? इस विषय पर प्रियंका अभिनय करने के लिए तैयार कैसे हो गईं? रुद्राक्ष की माला दिखाना, ‘भारतीय राष्ट्रवादीÓ को आतंकी के रूप में प्रस्तुत करना, यह महज संयोग नहीं है. इस सब में साफ़साफ़ भारत विरोधी षडयंत्र नजऱ आता है।
इस संदिग्ध शख्स के पास से  रुद्राक्ष की माला मिलती है, जिसके बाद प्रियंका कहती हैं कि इंडियन नेशनलिस्ट हैं जो हमले के जरिये पाकिस्तान को बदनाम करना चाहते हैं। इसके बाद से ही प्रियंका चोपड़ा सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर गई हैं।
ताहिर कय्युम ने ट्वीट करते हुए ठीक ही कहा है कि प्रियंका को एहसास होना चाहिए कि एक कलाकार होने के साथसाथ वह विश्व पटल पर भारत का प्रतिनिधित्व भी करती हैं. भारत सरकार ने प्रियंका को 2016 में भारत के चौथे सबसे बड़े सम्मान पद्म श्री से नवाज़ा था. असम पर्यटन ने प्रियंका चोपड़ा को अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया. संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें अपना गुडविल एम्बेसडर नियुक्त किया है. भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रियंका ने सन् 2000 में मिस वल्र्ड का खिताब जीता था. प्रियंका का आचरण केवल उनके ही नहीं, बल्कि भारत की साख पर असर डालता है.
जबक्वांटिकोÓ के निर्माता ऐसी दूषित पटकथा के साथ प्रियंका के सामने आए होंगे, तभी उन्हें इस किरदार को निभाने से मना कर देना चाहिए था. इस विषय पर प्रियंका की चुप्पी दर्शाती है कि उन्हें भारत, भारतीयता और हिंदू धर्म से अधिक आर्थिक कमाई प्रिय है. भारत की जनता के प्यार और सम्मान के कारण ही प्रियंका विश्व पटल पर नाम कमा पाई हैं. उनके द्वारा ऐसे किरदार निभाना सचमुच दुर्भाग्यपूर्ण है.
यहॉ यह लिखना आवश्यक है कि प्रियंका चोपड़ा ने तो माफी मांग ली पर इसी अपराध के लिये यूपीए शासनकाल में तत्कालीन गृहमंत्री शिंदे और चिदंबरम ने हिन्दृ आतंकवाद और सेफरन टेरर शब्दों को याद किया था। उसी से प्रोत्साहित होकर क्वांटिको धारावाहिक बनाने का दुस्साहस हुआ। अतएव शिंदे और चिदंबरम को माफी मांगनी चाहिये।
इतना ही नहीं अमेरिका में रहते हुए प्रियंका चोपड़ा ने जानेअंजाने में जो दुस्साहस किया है वह दुस्साहस राहुल गांधी ने अमेरिका प्रवास के समय जो टिप्पणी की थी कि भारत को हिन्दू आतंकवाद ये खतरा लश्कर के आतंकवाद से भी ज्यादा है। इसके लिये बहुरूपीये जनेऊधारी  राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिये।
हम अपेक्षा करते हैं कि यूपीए कि चेयरपर्सन होने के नाते सोनिया गांधी को भी इसके लिये माफी मांगना चाहिये।