प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि बीते सात दशकों में हमारे शहर समग्र विकास से वंचित रहे, जिससे शहरी गरीब पीछे छूट गए। यही वजह है कि शहरों में एक ओर ऊंची-ऊंची भव्य इमारतें और चमक-दमक होती है, उसी के बगल में झुग्गी झोपड़ियों में बदहाली दिखाई देती है। एक ओर शहर में कुछ इलाकों को पॉश कहा जाता है, तो दूसरी ओर कई इलाकों में लोग जीवन की मौलिक जरूरतों के लिए तरसते रहे हैं। जब एक ही शहर में इतनी असमानता हो, इतना भेदभाव हो, तो समग्र विकास की कल्पना कैसे की जा सकती है। आज़ादी के अमृतकाल में हमें इस खाई को पाटना ही होगा। केंद्र की सरकार इसी दिशा में पूरे समर्पण के साथ काम कर रही है। गरीबों-शोषितों-वंचितों का उत्थान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
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