अशांत क्षेत्रों में तैनात पुलिस के जवानों ने अपने साहस का लोहा मनवाया, – Lok Shakti

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अशांत क्षेत्रों में तैनात पुलिस के जवानों ने अपने साहस का लोहा मनवाया,

उइके आज माना स्थित चौथी बटालियन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड में शामिल हुई और शहीद जवानों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल सुश्री उइके और गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज  साहू ने राष्ट्रगान की धुन पर परेड की सलामी भी ली।
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने पुलिस स्मृति दिवस परेड को संबोधित करते हुए पुलिस के शहीद वीर जवानों को नमन किया। उन्होंने कहा कि स्मृति दिवस अपना कर्तव्य निभाते हुए शहीद पुलिस जवानों के अदम्य साहस और पराक्रम का स्मरण कराता है। राज्यपाल सुश्री उइके ने भगवत गीता में उल्लेखित पुलिस के ध्येय वाक्य परित्राणाय साधुनाम के अर्थ को पुलिस द्वारा सार्थक बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि समय के साथ देश ने अपनी सामरिक क्षमता बढ़ाने में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। पुलिस के जवानों को बेहतर प्रशिक्षण और जरूरी सुविधाएं मिलने से उनका मनोबल बढ़ा है। देश की आंतरिक सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने निरंतर शांति व  सौहार्द्र स्थापित करने में अपना योगदान दिया है। हमें ऐसी धारणा नहीं बनानी चाहिए कि पुलिस के जवान केवल आंतरिक क्षेत्रों में ही सेवाएं देंगे, यदि सीमा पर हमें जवानों की आवश्यकता होगी तो वे देश रक्षा के अपने कर्त्तव्य से विमुख नहीं होंगे। कोरोना की विपरीत परिस्थितियों में पुलिस के जवानों ने किस प्रकार चौबीस घंटे, सातों दिन लोगों की सेवा की और अपना कर्त्तव्य निभाया। पुलिस की कार्यप्रणाली और दायित्व सबसे अलग है। पुलिस की सजगता व सतर्कता से ही समाज में शांति व सौहार्द्र बना रहता है और लोग चौन से रह पाते हैं। इस अवसर पर उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि पुलिस कर्मियों के प्रति अपने व्यवहार में संवेदनशीलता लाएं और मानवीय दृष्टिकोण रखें। उन्होंने कहा कि आपका मृदु व्यवहार उनके तनाव प्रबंधन में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है, जो उन्हें अपने दायित्वों को बेहतर ढंग से निभाने की प्रेरणा भी देगा। इस आशय से सांस्कृतिक और शारीरिक गतिविधियों का आयोजन उनकी क्षमता बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश नक्सल समस्या से ग्रसित है। अशांत क्षेत्रों में तैनात हमारे पुलिस के जवानों ने कई मौकों पर अपने साहस का लोहा मनवाया है। उनकी तैनाती ढाल की तरह है, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विस्तार में कमी आई है। हमारे जवानों के साहस, पराक्रम और सूझबूझ से नक्सलियों का दायरा सीमित हुआ है और राज्यपाल ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में नक्सल समस्या का पूर्ण रूप से उन्मूलन होगा।