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पेयजल सर्वेक्षण 2022: झारखंड के 7 और बिहार के 27 अमृत शहर होंगे सर्वेक्षण में शामिल

पेयजल सर्वेक्षण में शामिल होंगे देश के 485 अमृत शहर, प्रोजेक्ट भवन में दी गई झारखंड-बिहार के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण

Ranchi: केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने देश के 485 अमृत शहरों में पेजयल सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया है. नवंबर महीने से सर्वेक्षण शुरू होगा. सर्वेक्षण में झारखंड के 7 और बिहार के 27 अमृत शहर शामिल होंगे. शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में दोनों राज्यों के 34 शहरी निकायों के पदाधिकारियों को सर्वेक्षण को लेकर प्रशिक्षण दिया गया. केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने सर्वेक्षण से जुड़ी उन सभी पहलुओं की जानकारी दी जिसके आधार पर शहरों में उपलब्ध पेयजल, पाइपलाइन जलापूर्ति और पेयजल की गुणवत्ता से संबंधित सवाल पूछे जाएंगे. इस सर्वेक्षण में भी स्वच्छ सर्वेक्षण की तरह नागरिकों का फिडबैक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

2100 अंकों का होगा पेयजल सर्वेक्षण

पेयजल सर्वेक्षण कुल 2100 अंकों का होगा. इमें 700 अंक के सवाल वाटर यूटिलिटी सर्विसेज से जुड़े होंगे. 700 अंक यूज्ड वाटर यूटिलिटी सर्विसेज से पूछे जाएंगे, 200 अंक वॉटर बॉडी से, 200 अंक नन रेवेन्यू वाटर से और 300 अंक वेस्ट प्रैक्टिसेज एंड इन्नोवेशन से जुड़े होंगे.

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वाटर यूटिलिटी सर्विसेज

इसके तहत शहरों की आबादी के जरुरत के हिसाब जल स्रोतों में जल की उपलब्धता और पाइपलाईन से टैप वाटर आपूर्ति की व्यवस्था देखी जाएगी. पाइपलाईन से आपूर्ति किए जा रहे जल का मीटर कनेक्शन जैसे 700 अंक के सवाल शामिल होंगे. इसके अलावा आम नागरिकों का फीडबैक भी इस बात को तय करेगा कि शहर में जल की गुणवता कैसी है.

यूज्ड वाटर यूटिलिटी सर्विसेज

इस सर्विसेज के लिए भी कुल अंक 700 निर्धारित किए गए हैं. इसके तहत यह देखा जाएगा कि शहरों में आवासीय और कमर्शियल जल के उपयोग के बाद वेस्ट जल का कितना प्रतिशत ट्रीटमेंट हो रहा है. इनसे जुड़े सवाल भी नागरिकों से फेस टू फेस इंटरव्यू के जरिये पूछे जाएंगे.

वाटर बॉडी

शहरों को अपने निकाय से उन तीन जल स्रोतों की जानकारी आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय को देना है जिसके संरक्षण के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं. क्वालिटी टेस्टिंग की टीम सैंपल इकट्ठा कर लैब भेजेगी और उस जल की गुणवता की जांच की जाएगी.

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नन रेवेन्यू वाटर

नगर निकाय के द्वारा पाइपलाइन से किये जा रहे जलापूर्ति में अवैध कनेक्शन, पाइपलाईन से लीकेज और मीटरयुक्त कनेक्शन की जांच की जाएगी. नॉन रेवेन्यू वाटर का आकलन कर इस श्रेणी में अंकों का निर्धारण किया जाएगा.

वेस्ट प्रैक्टिसेज एंड इनोवेशन

इस श्रेणी में जल स्रोत, जलापूर्ति केन्द्र और ट्रीटमेंट प्लांट को बेहतर बनाने के लिए किए गए बेहतर प्रयास तथा इनोवेशन के आधार पर शहर के लिए अंक निर्धारित किया जाएगा. इस श्रेणी में भी नागरिकों का फिडबैक बहुत हीं मददगार साबित होगा.

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