वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत व्यक्तिगत वन अधिकार के आवेदनों पर पुनर्परीक्षण कर आगामी 17 अक्टूबर तक जिला स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे। उक्ताशय के निर्देश कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा ने आज समिति की बैठक के दौरान दिए। उन्होंने इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय की याचिका के परिप्रेक्ष्य में मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन श्री अमिताभ जैन के निर्देश का परिपालन करते हुए निरस्त किए गए वन अधिकार के व्यक्तिगत आवेदनों पर निर्णय लेते हुए कहा।
आज सुबह 11.30 बजे कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में उन्होंने बताया कि इस संबंध में बुधवार 12 अक्टूबर को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव के द्वारा निरस्त किए गए व्यक्तिगत वन अधिकार प्रकरणों के पुनर्विलोकन एवं पुनर्परीक्षण करने के निर्देश दिए गए थे। कलेक्टर ने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में निरस्त किए गए आवेदनों का पुनः परीक्षण कर आगामी 17 अक्टूबर तक कारणों का उल्लेख करते हुए सभी अनुविभागीय अधिकारी प्रस्तुत करेें। इस दौरान सहायक आयुक्त आदिवासी विकास डॉ. रेशमा खान ने बताया कि तीन पीढ़ी के साक्ष्य के अभाव में कुल 1439 आवेदन निरस्त हुए हैं, जिनमें धमतरी विकासखण्ड के 694, मगरलोड के 607 और नगरी विकासखण्ड के 138 व्यक्तिगत दावे शामिल हैं। कलेक्टर ने वन अधिकार अधिनियम की विभिन्न धाराओं का गम्भीरता से अध्ययन करते हुए सभी निरस्त आवेदनों का पुनरावलोकन करते हुए निर्धारित तिथि तक प्रस्तुत करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। इस अवसर पर एसडीएम नगरी सुश्री गीता रायस्त सहित जनपद पंचायतों के सी.ई.ओ., तहसीलदार और आदिवासी विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
Nationalism Always Empower People
More Stories
पिता की दूसरी शादी से नाराज बेटे ने पत्थर से सिर कुचलकर मौत के घाट उतार दिया, पूछताछ में ससुर उगला
रक्षाबंधन 2024: भाई-बहन के बीच ऐसा हुआ प्यार, किसी ने घर छोड़ दिया तो किसी ने कर लिया किडनी
महिला से मोबाइल लूटने और बाइक चोरी का आरोप पकड़ा गया