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भारत में हिन्दुओं के खिलाफ नफरत फैलाने वाले जुबैर को बताया शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए योग्य उम्मीदवार

पश्चिमी देशों की मीडिया हमेशा भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा करती रहती है। इनका एकमात्र मकसद राष्ट्रवादी सरकार के खिलाफ माहौल तैयार कर एक ऐसी सरकार की स्थापना में मदद करना, जो पश्चिमी देशों की सरकारों और उद्योगपतियों के इशारे पर नाच सके। उनकी नीतियों को भारत में लागू कर सके। हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की ‘पक्षपातपूर्ण’ कवरेज के लिए वाशिंगटन पोस्ट समेत अमेरिका की मुख्यधारा की मीडिया पर जमकर निशाना साधा था। इसी बीच TIME मैगज़ीन ने भारत में प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा को माध्यम बनाकर साबित कर दिया कि वो मोदी सरकार और हिन्दुओं से कितनी नफरत करती है।दरअसल TIME मैगज़ीन ने ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा को नोबेल शांति पुरस्कार 2022 के लिए योग्य उम्मीदवार बता दिया है। इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के संभावित विजेताओं की सूची में खुद को फैक्ट चेकर कहने वाले मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा को रखा है। इस सूची में अन्य नाम वलोडिमिर ज़ेलेंस्की, डब्ल्यूएचओ, डेविड एटनबरो, ग्रेटा थुनबर्ग, एलेक्सी नवलनी सहित कई नाम शामिल हैं।मैगजीन ने कई हिन्दुओं की हत्या के लिए जिम्मेदार जुबैर को एक पीड़ित के रूप में पेश किया है। मैगजीन ने अपने आर्टिकल में लिखा, “भारतीय फैक्ट-चेक वेबसाइट AltNews के सह-संस्थापक और पत्रकार प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद जुबैर भारत में गलत सूचनाओं से लगातार जूझ रहे हैं, जहां हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी बीजेपी पर मुस्लिमों के खिलाफ अक्सर भेदभाव के आरोप लगाए जाते हैं।” जुबैर को जून 2022 में एक मीम के लिए गिरफ्तार किया था, जिसे उन्होंने चार साल पहले ट्वीट किया था। दुनिया भर के पत्रकारों ने इस गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने जुबैर द्वारा किए जा रहे फैक्ट चेक के प्रतिशोध में की गई कार्रवाई बताया।