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Editorial:भारत की शक्तियों को पूरा विश्व पहचान रहा

29-9-2022

संयुक्त राष्ट्र महासभा यानी हृत्र्र के 77वें सत्र में दूसरे देशों द्वारा भारत की बहुत अधिक सराहना की जा रही है। भारत की आर्थिक और विदेश नीति से प्रभावित होकर दुनिया के कई विकासशील और विकसित देशों ने उसकी पीठ थपथपायी है। साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी बहुत प्रशंसा की गयी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से लेकर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित अन्य कई नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले भारत की नीतियों की बहुत प्रशंसा की है।
पुर्तगाली प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने यूएनएससी के सुधार की बात कही जिसमें उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत, ब्राजील और अफ्रीका महाद्वीप का प्रतिनिधित्व भी सम्मिलित होना चाहिए। पूरी महासभा को संबोधित करते हुए, एंटोनियो कोस्टा ने सुरक्षा परिषद की ओर अधिक ध्यान देते हुए कहा कि सुरक्षा का व्यापक दृष्टिकोण शामिल होना बहुत आवश्यक है। इससे छोटे देशों को उचित प्रतिनिधित्व मिल पाएगा।
देखने वाली बात है कि भारत हर मामले में अपने वैश्विक शौर्य और कूटनीतिक पराक्रम को दर्शाता है। भारत ने कई बार दूसरे देशों के सामने अपना लोहा मनवाया है। रूस एवं यूक्रेन के बीच गर्मागर्मी ने जो हिंसक रूप ले लिया था उससे आप सभी परिचित होंगे। भारत हमेशा से ही शांति में विश्वास रखने वाला देश रहा है, इसमें कोई भी संदेह नहीं है।
आज के समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का वैश्विक कद बढ़ता जा रहा है। अधिकतर देश भारत के साथ अपने संबंधों को मधुर करना चाह रहे हैं क्योंकि नरेंद्र मोदी भारत के ही नहीं बल्कि वैश्विक नेता बन चुके हैं। अब एक वैश्विक शांति दूत के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम सामने आया है। वास्तव में ऐसा इसलिए है क्योंकि मैक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर चाहते हैं कि एक वैश्विक शांति के लिए एक आयोग का गठन किया जाए और पीएम मोदी भी इसका हिस्सा हों।
मैक्सिको के राष्ट्रपति इस संदर्भ में एक लिखित प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र को भेजने के विषय में भी सोच रहे हैं। इस प्रस्ताव के अनुसार, विश्व में चारों ओर शांति लाने के लिए वो इस आयोग की मांग करने वाले हैं जो कि पांच साल की अवधि के लिए होगा। उन्होंने अपने इस आयोग के लिए विश्व के तीन नेताओं के नाम सुझाए हैं। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ईसाई धर्मगुरु पॉप फ्रसीसी और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का नाम है। इन्हीं नेताओं के नेतृत्व मे इस आयोग कि मांग की जाएगी।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मैक्सिकन राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर ने कहा है कि आयोग का उद्येश्य विश्वभर में युद्धों पर विराम लगाने कि दृष्टि से पेश किया जाएगा। इसका लक्ष्य होगा कि विश्वभर में किस तरह से युद्ध रोके जा सकते हैं। यह समझौता कम से कम 5 साल की अवधि के लिए होगा।
अब ये बात गौर करने वाली है कि यहां पर और दूसरे नेताओं के नाम भी हो सकते थे। जैसे कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन या कोई और बड़ा नेता लेकिन यहां पर भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया गया, क्यों? क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की आर्थिक और उसकी विदेश नीति बहुत अधिक ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी है। आज ग्लोबल सुपर पावर वाले भारत देश के दूसरे अन्य देश हाथ मिलने को तैयार खड़े दिखायी देते हैं।