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Auraiya student death: औरैया में दलित छात्र की मौत पर सियासत गरमाई, अखिलेश और मायावती का बीजेपी सरकार पर हमला

लखनऊ/औरैया: उत्तर प्रदेश के औरैया में शिक्षक की पिटाई से एक छात्र की मौत मामले में बवाल खड़ा हो गया है। सोमवार शाम से लेकर रात तक लोगों का गुस्सा सड़कों पर फूटता दिखाई दिया। इस दौरान पथराव और आगजनी की घटनाएं भी हुईं। करीब घंटे भर अराजकता के माहौल के बाद मौके पर पुलिस और प्रशासन के आला अफसर पहुंचे और सख्ती के बाद उपद्रवी भाग खड़े हुए। उधर इस पूरे मामले में सियासत भी तेज हो गई है। प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस संबंध में योगी सरकार को घेरा है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने छात्र की मौत पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है साथ ही पीड़िता परिवार के लिए मुआवजे की भी मांग रखी है। अखिलेश यादव ने मामले में ट्वीट करते हुए लिखा है, “औरैया में एक छात्र की शिक्षक द्वारा पीटे जाने से हुई मृत्यु का समाचार दुखद ही नहीं, बेहद संवेदनशील है। सरकार यथोचित कार्रवाई करे और पीड़ित परिवार को मुआवज़ा भी दे। शिक्षा जीवन देती है, लेती नहीं।”

वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने सरकार को ऐसे मामलों को रफा-दफा करने की बजाए प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की है। मायावती ने ट्वीट किया है, “औरैया में शिक्षक की पिटाई से दलित छात्र की मौत पर सरकारी उदासीनता व लापरवाही का मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा है। इंसाफ व उचित कार्रवाई के अभाव में लोग काफी आक्रोशित हैं। सरकार ऐसे संगीन मामलों को रफादफा करने के बजाय तुरन्त प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करे, बीएसपी की यह मांग।” उन्होंने आगे लिखा है कि यूपी में दलितों, गरीबों, मजलूमों व अल्पसंख्यकों आदि के साथ-साथ महिलाओं की असुरक्षा का मामला भी काफी चर्चाओं में है। महिला पुलिसकर्मियों के विरुद्ध थाना में शोषण व अन्याय की खबरें भी लगातार सुर्खियों में हैं, जो सरकार के कानून-व्यवस्था के दावे को गलत साबित करती हैं।

क्या है पूरा मामला
निखिल कुमार आदर्श इंटर कॉलेज अछल्दा में दसवीं कक्षा का छात्र था। निखिल का 7 सितंबर को टेस्ट था। इसके लिए वह अपने घर से तैयारी कर निकला। लेकिन, टेस्ट के दौरान उसे दिक्कत हुई। आरोप है कि छात्र का परफॉर्मेंस गड़बड़ाया तो सोशल साइंस के शिक्षक अश्विनी सिंह ने निखिल की बेरहमी से पिटाई कर दी। पिटाई के कारण उसकी हालत बिगड़ने लगी। इसके बाद निखिल के परिजनों को इसकी जानकारी दी गई। कॉलेज प्रशासन की ओर से निखिल का इलाज कराने का आश्वासन दिया गया। शिक्षक ने 40 हजार रुपये की मदद दी। बच्चे को औरैया और इटावा के प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराया गया। वहां उसकी तबियत में सुधार नहीं हुआ।

हालत बिगड़ने लगी तो गरमाया माहौल
निखिल की शनिवार को स्थिति बिगड़ने लगी। उसके परिजन बच्चे के इलाज के लिए आर्थिक मदद की मांग करने शिक्षक के यहां पहुंचे। वहां शिक्षक ने परिजनों के साथ गाली-गलौज कर भगा दिया। इसके बाद परिजनों ने थाने में जाकर पूरे मामले की रिपोर्ट कराई। थाने में सुनवाई नहीं हुई तो परिजन एसपी के यहां शिकायत करने पहुंचे। एसपी के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया। निखिल का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल कराया गया। सीएचसी के डॉ. अमरदीप चौधरी ने निखिल के सांस लेने में दिक्कत आने की रिपोर्ट दी। शरीर पर चोट का निशान होने की भी बात कही। बच्चे की स्थिति लगातार खराब होती देख उसे सैफई के यूपीएमयू रेफर किया गया। निखिल को लेकर शनिवार रात करीब 11 बजे सैफई ले जाया गया। परिजनों का आरोप है कि समय पर निखिल क इलाज नहीं शुरू हुआ। इस कारण एंबुलेंस में ही उसका निधन हो गया।

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