Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर केंद्र को SC का नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को “धमकी” और “उपहार और मौद्रिक लाभ” के माध्यम से धोखाधड़ी वाले धर्मांतरण को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा।

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने भारत संघ, गृह मंत्रालय और कानून एवं न्याय मंत्रालय को नोटिस जारी किया।

शीर्ष अदालत ने पक्षों से 14 नवंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा।

शीर्ष अदालत अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र और राज्यों को “धमकी, धमकी, उपहार और मौद्रिक लाभों के माध्यम से धोखा देकर” धोखाधड़ी वाले धर्मांतरण को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

उपाध्याय ने कहा कि यह एक राष्ट्रव्यापी समस्या है जिससे तत्काल निपटने की जरूरत है।

याचिका में कहा गया है, “नागरिकों को हुई चोट बहुत बड़ी है क्योंकि एक भी जिला ऐसा नहीं है जो ‘हुक एंड क्रूक’ द्वारा धर्म परिवर्तन से मुक्त हो।”

“पूरे देश में हर हफ्ते ऐसी घटनाएं होती हैं जहां धर्मांतरण डरा-धमकाकर, धमकाकर, उपहारों और पैसों के लालच में धोखा देकर और काला जादू, अंधविश्वास, चमत्कारों का इस्तेमाल करके किया जाता है, लेकिन केंद्र और राज्यों ने इस खतरे को रोकने के लिए कड़े कदम नहीं उठाए हैं।” अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है।

याचिका में भारत के विधि आयोग को एक रिपोर्ट तैयार करने के साथ-साथ धमकी और आर्थिक लाभ से धर्मांतरण को नियंत्रित करने के लिए एक विधेयक तैयार करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।