राजू श्रीवास्तव का जन्म किदवईनगर नयापुरवा एन ब्लॉक में 25 दिसंबर 1963 को हुआ था। उनके पिता रमेश चंद्र श्रीवास्तव (बलई काका) सरकारी कर्मचारी के साथ ही कवि भी थे। राजू ने 1979 में हाईस्कूल सुभाष चंद्र इंटर कॉलेज से पास किया था। इसके बाद जूही स्थित श्री रत्न शुक्ल इंटर कॉलेज से 1982 में बारहवीं की।
1984 के दंगे के बाद राजू जब दोबारा जनवरी 1985 में मुंबई गए तो प्रख्यात कवि शंकर शंभू के घर किराये पर रहे। उनका हुनर देख शंकर भी उन्हें अपने साथ कार्यक्रमों में ले जाने लगे। शूटिंग में जो भी छोटा मोटा काम मिलता था, राजू उसे करते थे। इसके बदले उन्हें 50 रुपये तक मिल जाते थे। पहली बार 1989 में उन्हें मैंने प्यार किया फिल्म में ट्रक क्लीनर का रोल मिला। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों और सीरियलों में काम किया।
राजू भइया : कानपुर टू मुंबई
– 25 दिसंबर 1963 में किदवईनगर एन ब्लॉक नयापुरवा में जन्म हुआ।
– 1979 में सुभाष इंटर कॉलेज साकेत नगर से हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की।
– 1982 में श्री रत्न शुक्ल इंटर कॉलेज जूही से इंटर की परीक्षा पास की।
– 1982 में ही उनके गुरु राजेंद्र प्रसाद ने शहर में ही पहला मंच कार्यक्रम दिलाया।
– 1983 में मुंबई चले गए।
– 1989 में मैंने प्यार किया फिल्म में ट्रक क्लीनर का रोल अदा किया।
– 1993 में बाजीगर फिल्म में कॉलेज के छात्र की भूमिका निभाई।
– 2001 में आमदनी अठन्नी खर्चा रुपइया में बाबा चिन चिन चू की भूमिका निभाई।
– 2002 में वाह! तेरा क्या कहना फिल्म में बन्ने खान के सहायक की भूमिका निभाई।
– 2003 में मैं प्रेम की दीवानी हूं फिल्म में शंभू की भूमिका निभाई।
– 2005 में ग्रेट इंडिया लॉफ्टर चैंलेज में आए और सेकेंड रनरअप रहे।
– 2006 में विद्यार्थी: द पॉवर ऑफ स्टूडेंट्स फिल्म में इंस्पेक्टर जेके की भूमिका अदा की।
– 2007 में बिग ब्रदर फिल्म में ऑटो चालक की भूमिका निभाई।
– 2007 में बांबे टू गोवा फिल्म में एंथनी गोंसाल्वेस की भूमिका निभाई।
– 2007 में भावनाओं को समझो फिल्म में दया फ्रॉम गया की भूमिका अदा की।
– 2009 में बिग बॉस सीजन तीन में आए और चार दिसंबर को वोट आउट हो गए।
– 2013 में पत्नी शिखा के साथ नच बलिए सीजन छह में हिस्सा लिया।
– 2014 में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए और कानपुर लोकसभा से टिकट भी
मिला। हालांकि उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी।
– 2014 मार्च में भाजपा में शामिल हुए और प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छ भारत
अभियान का हिस्सा बनाया।
सफल होने के बाद किया था प्यार का इजहार
1982 में एक रिश्तेदार की शादी में राजू की मुलाकात फतेहपुर में शिखा श्रीवास्तव से हुई थी। मन ही मन राजू उन्हें पसंद करने लगे थे, लेकिन उनके कॅरियर का यह शुरुआती दौर था और उनके पास अपना कुछ नहीं था। इसके बाद वे मुंबई चले गए। कई सालों के संघर्ष के बाद जब उन्होंने मुंबई में अपना नाम कमा लिया और घर बना लिया तब शिखा के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। 1993 में उन्होंने शिखा से शादी की। उनके दो बच्चे अंतरा और आयुष्मान श्रीवास्तव हैं।
राजू के नाम अवॉर्ड
2016 में यश भारती अवॉर्ड
2017 में दादा साहब फाल्के एक्सीलेंस अवॉर्ड
2020 में टॉप-100 भारतीय व्यक्तित्व में से एक चुने गए
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