डा. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के प्रभारी प्रो. आर. आर. सिंह ने बताया कि स्वामी विवेकानंद सेन्ट्रल लइब्रेरी में विश्वविद्यालय के 14वें स्थापना दिवस के सुअवसर पर स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा, छायाचित्र का अनावरण एवं आर्ष वांगमय केन्द्र की स्थापना समारोह कुलपति प्रो. राणा कृष्ण पाल सिंह की अध्यक्षता में स्वामी मुक्तिनाथा नंदा, अध्यक्ष राम कृष्ण मठ, लखनऊ प्रभाग से श्री अजीत कुमार, विशेष सचिव एवं श्री सत्य प्रकाश पटेल निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के गरिमामयी उपस्थित में सम्पन्न हुआ। अध्यक्ष, स्वामी मुक्तिनाथा नंदा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद का साहित्य आत्मा को परिषकृत करने का साहित्य है। परा और अपरा विद्या भारतीय सनातन संस्कृति का अभिन्न अंग है। परा विद्या स्वयं को समझने की विद्या है स्वयं को समझे बिना हम अपनी संस्कृति को परिस्कृत नहीं कर सकते और भारत को जगद्गुरु नहीं बना सकते। इस विश्वविद्यालय स्थित विवेकानंद साहित्य केन्द्र यहाँ के युवाओं को संस्कारी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी जिन्होंने स्वामी विवेकानंद के जीवन आदर्शाे के अनुपालन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है और स्वामी विवेकानंद से बढ़कर भारतीय युवाओं के लिए कोई अन्य आदर्श नहीं हो सकता है। कार्यक्रम का संचालन प्रो. आर. आर. सिंह, प्रभारी स्वामी विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी श्री संजय सिंह, कार्यवाहक कुलसचिव डा अमित कुमार राय, समस्त शिक्षकबृन्द एवं पुस्तकालय के प्रशासनिक अधिकारी सहित समस्त कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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