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ताजिया के साथ ही रामलीला के पुतले भी तैयार करते हैं निसार, गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल बने यह मुस्लिम बुजुर्ग

कपिल दीक्षित, प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में रहने वाले 62 साल के निसार अहमद अपने आप में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे हैं। 12 साल की उम्र से ही वह रामलीला में बनने वाले पुतले तैयार करने का काम कर रहे हैं। निसार जितनी शिद्दत से ताजिए बनाने का काम करते हैं, उतनी ही तन्‍मयता से रामलीला से जुड़ी सामग्रियां भी तैयार करते हैं। पिछले 50 सालों से वह इस काम को करते आ रहे हैं और हमेशा करते रहना चाहते हैं।

प्रयागराज में प्राचीन और ऐतिहासिक पथरचट्टी रामलीला सबसे भव्य और आकर्षक होती है। निसार ने इस रामलीला समिति के साथ काम करते हुए 50 साल पूरे कर लिए। उनकी तमन्ना है कि अंतिम सांस तक पुतले तैयार करते हुए प्रभु राम की सेवा में लगे रहें। भाईचारे में यकीन रखने वाले निसार अहमद जैसे लोगों से समाज को प्रेरणा लेनी चाहिए। खास तौर पर आज के समय में, जब हिंदू और मुस्लिमों के बीच की खाई गहराती जा रही है।

निसार ने बताया, ‘मैंने 12 साल की उम्र से ही पथरचट्टी रामलीला कमिटी के साथ काम करना शुरू कर दिया था। मैं तब अपने अब्बू बसीर अहमद की हेल्प किया करता था, जो चौकी तैयार करते और उसे सजाते भी थे। मैंने 4 पीएसी धूमनगंज में पेंटर का काम भी किया लेकिन एहसास हुआ कि मैं किसी और ही चीज के लिए बना हूं। उस वक्त ही मैंने रामलीला के साथ ही अपनी पूरी जिंदगी को बीताने का फैसला किया।’

निसार ने बताया कि 6 सदस्यों की डेडिकेटेड टीम ओवरटाइम काम करके पुतला तैयार करती है और फिर उनमें रंग भरने का काम करती है। इस बार भी 25 सितंबर तक या उससे पहले काम पूरा करने के लिए सभी लोग जोर-शोर से लगे हुए हैं। उनका काम भगवान के लाइफ साइज पुतले को तैयार करने का है। इसके साथ ही रावण का रथ, तीर-धनुष, गदा, तलवार जैसे पारम्परिक शस्त्र भी तैयार किए जाते हैं।

चौक इलाके के निवासी निसार इस उम्र में भी वैसा ही शानदार काम करते हैं, जैसा वह जवानी में किया करते थे। भगवान हनुमान और रावण के पुतले तैयार कर रहे निसार ने बताया कि दशहरा और रामलीला के समय पुतले बनाने और तैयार करने में भीतरी आनंद आता है। वह मुहर्रम में ताजिया भी तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि पूरा महीना ही बहुत व्यस्त रहता है लेकिन काम में हमें मजा आता है।

पथरचट्टी रामलीला समिति के संयुक्त सचिव राजीव गुप्ता ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में बताया, ‘शहर की सबसे पुरानी रामलीला समिति के साथ निसार का सफर शानदार रहा है। वह बचपन से ही इस काम में लगे हुए हैं।’ निसार के साथ काम करने वाले विनोद, अर्जुन, सुभाष ने बताया कि वह अपने काम को लेकर पूरी तरह से समर्पित हैं।