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बीएएमएस प्रकरण: एसटीएफ के रडार पर विश्वविद्यालय के कर्चमारी-अधिकारी, छात्रनेता की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश

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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कॉपी बदलने के मामले में फरार छात्र नेता राहुल पाराशर अभी तक गिरफ्त में नहीं आ सका है। एसटीएफ को मामले में छात्र नेता के साथ ही 40 से अधिक लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली हैं। इनमें एजेंट के साथ 20 कर्मचारी और अधिकारी भी हैं। टीम अब एक-एक करके सभी से पूछताछ करेगी। साक्ष्य मिलने पर गिरफ्तारी की जाएगी।

बीएएमएस की परीक्षा में कॉपी बदलने का मामला 27 अगस्त को सामने आया था। थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने टेंपो चालक देवेंद्र और डॉ. अतुल यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा। एजेंसी के कार्यालय में रखी 100 कॉपियों की जांच में एक कॉलेज के 14 छात्रों की कॉपियों की लिखावट अलग-अलग मिली। इस पर पुलिस ने एक और मुकदमा लिखा। 

इधर, मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचने के बाद जांच एसटीएफ को दी गई। एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी है। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, कॉपी बदलने वाला पूरा गैंग कार्य कर रहा था। इसमें छात्र नेता के अलावा विश्वविद्यालय से जुड़े कर्मचारी, अधिकारी और एजेंसी के कर्मचारी शामिल थे। इस संबंध में एसटीएफ सबूत जुटा रही है। एसपी एसटीएफ राकेश कुमार यादव ने बताया कि 40 से अधिक लोगों के बारे में जानकारी मिली है। एसटीएफ की टीम जांच में जुटी है। 

छात्र नेता की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश
सिकंदरा के केके नगर निवासी छात्र नेता राहुल पाराशर की तलाश में पुलिस ने आगरा और आसपास के जिलों में दबिश दी है। छात्र नेता और उसका परिवार फरार है। उसके मकान मालिक से भी पूछताछ की गई। अब एसटीएफ रिश्तेदार और परिचितों के बारे में जानकारी जुटा रही है। सर्विलांस की मदद ली जा रही है। एसटीएफ की जांच के घेरे में सेवानिवृत्त कर्मचारी भी आएंगे। 

एसटीएफ के मुताबिक, सरकारी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के छह साल बाद तक जांच की जा सकती है। भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने कार्रवाई की जा सकती है। पेंशन रुक सकती है। गिरफ्तारी की जा सकती है। एसटीएफ की नोएडा यूनिट के पुलिस अधीक्षक कुलदीप नारायण मंगलवार को आगरा आ रहे हैं, वह विश्वविद्यालय जाएंगे। कापियां बदलने के प्रकरण में जानकारी लेंगे। इसके साथ ही आगरा एसटीएफ के साथ बैठक होगी।

हर दिन आ रहीं 10 शिकायतें

एसटीएफ के टेलीफोन और मोबाइल नंबर पर हर दिन दस शिकायतें आ रही है। इनमें कॉपी बदलने से लेकर डिग्री के लिए रुपये मांगने, परीक्षा केंद्र बनाने में अनियमितता, नकल का ठेका लेने और फर्जी तरीके से प्रवेश आदि की शिकायत हैं। इन सबकी जांच अलग-अलग टीम कर रही हैं। एसटीएफ ने विश्वविद्यालय परिसर में कैंप ऑफिस बनाया है। कैंप ऑफिस में लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। 

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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कॉपी बदलने के मामले में फरार छात्र नेता राहुल पाराशर अभी तक गिरफ्त में नहीं आ सका है। एसटीएफ को मामले में छात्र नेता के साथ ही 40 से अधिक लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली हैं। इनमें एजेंट के साथ 20 कर्मचारी और अधिकारी भी हैं। टीम अब एक-एक करके सभी से पूछताछ करेगी। साक्ष्य मिलने पर गिरफ्तारी की जाएगी।

बीएएमएस की परीक्षा में कॉपी बदलने का मामला 27 अगस्त को सामने आया था। थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने टेंपो चालक देवेंद्र और डॉ. अतुल यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा। एजेंसी के कार्यालय में रखी 100 कॉपियों की जांच में एक कॉलेज के 14 छात्रों की कॉपियों की लिखावट अलग-अलग मिली। इस पर पुलिस ने एक और मुकदमा लिखा। 

इधर, मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचने के बाद जांच एसटीएफ को दी गई। एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी है। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, कॉपी बदलने वाला पूरा गैंग कार्य कर रहा था। इसमें छात्र नेता के अलावा विश्वविद्यालय से जुड़े कर्मचारी, अधिकारी और एजेंसी के कर्मचारी शामिल थे। इस संबंध में एसटीएफ सबूत जुटा रही है। एसपी एसटीएफ राकेश कुमार यादव ने बताया कि 40 से अधिक लोगों के बारे में जानकारी मिली है। एसटीएफ की टीम जांच में जुटी है।