लखनऊ: यूपी सरकार ने हाथरस हिंसा की साजिश में गिरफ्तार सिद्दीकी कप्पन (Siddique Kappan Case) की ज़मानत अर्जी का विरोध किया है। सरकार की तरफ से हलफनामा दाखिल करके कहा है कि कप्पन के राष्ट्रविरोधी एजेंडा रखने वाले PFI जैसे चरमपंथी संगठन से गहरे सम्बंध रहे है। वो दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर देश में आंतक, धार्मिक कलह भड़काने की साजिश में शामिल था।
यूपी सरकार का कहना है कि कप्पन को ऐसे आरोपी के साथ गिरफ्तार किया गया जो पहले भी दंगो में शामिल रहा है। कप्पन हाथरस एक पत्रकार के तौर पर रिपोर्ट करने के लिए नहीं जा रहा था, बल्कि वो PFI डेलिगेशन का हिस्सा था, जिसका मकसद हाथरस पीड़ित के परिजनों से मिलकर साम्प्रदायिक दंगे भड़काना था।
यूएपीए के तहत दर्ज किया गया है मामला
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पिछले महीने कप्पन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उनके खिलाफ हाथरस मामले में गैर कानूनी गतिविधियां (निषेध) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पीएफआई से कथित संबंध रखने वाले चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पीएफआई पर हैं गंभीर आरोप
पीएफआई पर पहले भी देशभर में संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के लिए वित्तपोषण करने का आरोप लगा था। पुलिस ने पहले दावा किया था कि आरोपी हाथरस में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे।
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