ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
अमृतसर, 14 अगस्त
एसजीपीसी ने रविवार को यहां स्वर्ण मंदिर में विभाजन के दौरान मारे गए दस लाख से अधिक हिंदुओं, सिखों और मुसलमानों की याद में ‘अखंड पथ’ की शुरुआत की।
विशेष रूप से, यह आज केंद्र सरकार द्वारा मनाए जा रहे विभाजन डरावनी स्मरण दिवस के साथ मेल खाता है। पिछले साल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस दिन को राष्ट्रीय स्मारक दिवस के रूप में घोषित किया गया था।
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पहले ही दुनिया भर के पूरे सिख समुदाय से उन सभी पंजाबियों को याद करने का आग्रह किया था, जो 10 अगस्त से 16 अगस्त तक मूल मंत्र और जपजी साहिब का पाठ करके विभाजन के दौरान मारे गए थे। उन्होंने हिंदू समुदाय से भी इसी दौरान अपने धार्मिक स्थलों पर इस संबंध में प्रार्थना करने की अपील की।
यह घटना परमपाल सिंह और गंगवीर राठौर के दिमाग की उपज थी, जिन्होंने सांप्रदायिक झड़पों में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए जत्थेदार से संपर्क किया था। उम्मीद है कि 16 अगस्त को अकाल तख्त पर होने वाले अखंड पथ में सिख, मुस्लिम और हिंदू जैसे विभिन्न समुदायों के लोग शामिल होंगे।
परमपाल ने कहा कि मौलाना मोहम्मद उस्मान लुधियानवी, पंजाब के शाही इमाम, हिंदू समुदाय के प्रतिनिधि और अन्य धार्मिक नेता भी इसमें भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि खालसा एड, यूनाइटेड सिख और इकोसिख सहित 35 सिख संगठनों ने इस प्रयास का समर्थन किया था।
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