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मां तुझे प्रणाम: वीरांगना सम्मान समारोह में बोले एडीजी राजीव कृष्ण- शहीदों का ऋण कभी नहीं चुकाया जा सकता

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आगरा में रविवार को वजीरपुरा की पीली कोठी में  के अभिनव अभियान मां तुझे प्रणाम के तहत वीरांगना सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि अपर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने कहा कि सरहदों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए बलिदान देने वाले शहीदों की वीरांगनाओं माता, बहनों और पत्नियों के लिए सम्मान शब्द छोटा पड़ जाता है। मातृभूमि की रक्षा में शहीद होने वालों का ऋण हम कभी नहीं चुका सकते हैं। ऐसे कार्यक्रमों में हम उन्हें दिल की गहराइयों से सम्मानित करने का प्रयास कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अर्धांगनी के रूप में माथे पर टीका लगाने वाली पत्नियां हों, रणभूमि में राखी बांधकर भेजने वाली बहनें या वो माताएं, जो अपनों को आगे बढ़ने को प्रेरित करती हैं। शहीदों के शौर्य, पराक्रम और त्याग की मिसाल उनके परिवार भी हैं, जो पूरा जीवन तपस्या की तरह बिताते हैं। धन्य हैं वो माताएं जिन्होंने अपने बच्चों को ऐसे संस्कार दिए। यह समाज भी ऐसी वीरांगनाओं का ऋणी रहेगा। उन्होंने अंत में इस शेर से अपनी बात को विराम दिया ‘कर गई पैदा मुझे, उस कोख का अहसान है, सैनिकों के रक्त से आबाद हिंदुस्तान है।’

वीर नारियों के संघर्ष से प्रेरणा लें: राजश्री मिश्रा
शौर्य चक्र विजेता मेजर चंद्रकांत मिश्रा की धर्मपत्नी राजश्री मिश्रा ने वीर नारियों की ओर से धन्यवाद देते हुए कहा कि धन्यवाद देकर हम सम्मान की गरिमा को छोटा नहीं कर सकते हैं। हमें आप सबने वीरांगना नाम दिया है, ये इसलिए क्योंकि अपनों के सर्वोच्च बलिदान के बाद एक मां और एक पत्नी का जीवन कितना चुनौतियों से भरा होता है, यह किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि बेटे ने देश की पहली सोलर कार बनाई। उन्होंने कहा कि वीरांगनाओं की समस्याओं का हल प्राथमिकता से होना चाहिए।

एनसीसी कैडेट्स ने जोश के साथ अनुशासन दिखाया
वीरांगना सम्मान समारोह में एनसीसी कैडेट्स ने भरपूर जोश के साथ अनुशासन का परिचय दिया। वीरांगनाओं को सलामी दी। पूरे समय भारत माता की जयघोष करते रहे। दयालबाग शिक्षण संस्थान से एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट मनीष कुमार के निर्देशन और सीनियर अंडर ऑफिसर उदयवीर रघुवंशी के नेतृत्व में अंडर ऑफिसर तुषार उपाध्याय, शिवकांत, जितेंद्र सिंह धाकरे, अनिल रावत, कैडेट चेतन अग्निहोत्री, शुभम त्यागी, रुकेंद्र कुमार, सुनील कुमार, अंशुमन गुप्ता, सुमिरन सिन्हा, खुशबू मेहरोत्रा, श्रेया सिंह, तमन्ना आनंद, मुस्कान यादव, शिवानी गुप्ता, खुशी कुमारी ने उपस्थिति दर्ज कराई।

आगरा कॉलेज से एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट अमित अग्रवाल के मार्गदर्शन में अमन श्रीवास्तव, अरुन तरकर, अनिल यादव, रामू यादव, कुंज बिहारी, नरेश, प्रतीक मिश्रा, सचिन कुमार, दीपक बघेल, सौरभ कुमार, शिव कुमार, लक्ष्मी सिंह, उजाला राजपूत, वर्णिका पांडेय, आराध्या भट्ट, प्रियांशी, अमृत कौर की उपस्थिति रहीं।

आगरा में रविवार को वजीरपुरा की पीली कोठी में  के अभिनव अभियान मां तुझे प्रणाम के तहत वीरांगना सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि अपर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने कहा कि सरहदों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए बलिदान देने वाले शहीदों की वीरांगनाओं माता, बहनों और पत्नियों के लिए सम्मान शब्द छोटा पड़ जाता है। मातृभूमि की रक्षा में शहीद होने वालों का ऋण हम कभी नहीं चुका सकते हैं। ऐसे कार्यक्रमों में हम उन्हें दिल की गहराइयों से सम्मानित करने का प्रयास कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अर्धांगनी के रूप में माथे पर टीका लगाने वाली पत्नियां हों, रणभूमि में राखी बांधकर भेजने वाली बहनें या वो माताएं, जो अपनों को आगे बढ़ने को प्रेरित करती हैं। शहीदों के शौर्य, पराक्रम और त्याग की मिसाल उनके परिवार भी हैं, जो पूरा जीवन तपस्या की तरह बिताते हैं। धन्य हैं वो माताएं जिन्होंने अपने बच्चों को ऐसे संस्कार दिए। यह समाज भी ऐसी वीरांगनाओं का ऋणी रहेगा। उन्होंने अंत में इस शेर से अपनी बात को विराम दिया ‘कर गई पैदा मुझे, उस कोख का अहसान है, सैनिकों के रक्त से आबाद हिंदुस्तान है।’

वीर नारियों के संघर्ष से प्रेरणा लें: राजश्री मिश्रा

शौर्य चक्र विजेता मेजर चंद्रकांत मिश्रा की धर्मपत्नी राजश्री मिश्रा ने वीर नारियों की ओर से धन्यवाद देते हुए कहा कि धन्यवाद देकर हम सम्मान की गरिमा को छोटा नहीं कर सकते हैं। हमें आप सबने वीरांगना नाम दिया है, ये इसलिए क्योंकि अपनों के सर्वोच्च बलिदान के बाद एक मां और एक पत्नी का जीवन कितना चुनौतियों से भरा होता है, यह किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि बेटे ने देश की पहली सोलर कार बनाई। उन्होंने कहा कि वीरांगनाओं की समस्याओं का हल प्राथमिकता से होना चाहिए।