लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) को कोर्ट ने सजा सुना दी है। सोमवार को कानपुर कोर्ट (Kanpur Court) ने अवैध असलहे से जुड़े मामले में दोषी करार देते हुए 1 साल की सजा और 1500 रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है। हालांकि, इसके बाद भी मंत्री राकेश की विधायकी नहीं जाएगी। वह चुनाव भी लड़ सकते हैं। जानकारी के मुताबिक राकेश सचान योगी सरकार के इकलौते मंत्री हैं, जिन्हें कोर्ट ने दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।
दरअसल, जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत दो साल से अधिक की सजा सुनाए जाने के बाद राकेश सचान की विधायकी खतरे में पड़ सकती थी। वहीं राकेश सचान के अधिवक्ताओं की टीम उनकी विधायकी बचाने के लिए मंथन में जुट गई थी। कोर्ट ने एक साल की सजा और 1500 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। ऐसे में उनकी विधायकी भी बच गई और चुनाव लड़ने का अधिकार भी सुरक्षित हो गया।
मंत्री राकेश सचान को मिली बेल
योगी सरकार में मंत्री राकेश सचान ने कानपुर की कोर्ट में सरेंडर किया था। मंत्री के बचाव में कानपुर के बड़े वकील कोर्ट पहुंचे थे। इसके बाद उनकी सजा को लेकर कोर्ट में बहस चली। इस दौरान कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। वहीं राकेश के समर्थक भी कोर्ट पहुंचे थे। हालांकि सजा के बाद मंत्री राकेश को बेल मिल गई है। बीते शनिवार को इसी मुकदमे में उन्हें अपर मुख्य मजिस्ट्रेट-3 ने दोषी ठहराया।
1991 में दर्ज हुआ था मुकदमा
मंत्री राकेश सचान के खिलाफ यह मुकदमा उस समय दर्ज हुआ था जब वह छात्र राजनीति कर रहे थे। 1991 में नौबस्ता इलाके में नृपेंद्र सचान की 2 लोगों के साथ हत्या हुई थी उस समय राकेश सचान को नौबस्ता एसएचओ बृजमोहन ने एक राइफल के साथ पकड़ा था। जिसका लाइसेंस उनके पास नहीं था। हालांकि राकेश ने दावा करते हुए कहा था कि वह राइफल पर उनके नाना की थी।
रिपोर्ट – संदीप तिवारी
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