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अमृत सरोवरों की देखभाल के लिए मनरेगा से प्रत्येक तिमाही एक श्रमिक लगाए जाने की कार्यवाही की जाए

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के उच्च अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में बनाए जा रहे अमृत सरोवर अच्छे बने और हमेशा अच्छे बने रहे। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि जो अमृत सरोवर तैयार हो रहे हैं, उनकी देखभाल के लिए मनरेगा से प्रत्येक तिमाही एक मजदूर को लगाकर वहां की देखभाल सुनिश्चित करने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को जिन 7500 अमृत सरोवरों पर झंडारोहण किया जाएगा, वहां पर समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाए। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा 01 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बनाए जाने वाले अमृत सरोवर के मॉडल स्टीमेट के बारे में जानकारी हासिल की। बताया गया कि एक हेक्टेयर के क्षेत्रफल में अमृत सरोवर बनाए जाने का रू. 28.80 लाख की धनराशि का मॉडल स्टीमेट तैयार किया गया है, जिसमें फुटपाथ बनाने, घास लगाने, डस्टबिन, वृक्षारोपण, बेंच आदि की समस्त व्यवस्थाओं के साथ-साथ 100 से 200 लोगों को झंडारोहण के दौरान बैठने आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि वहां पर ऐसे पौधों का वृक्षारोपण किया जाए, जिनसे अधिक से अधिक ऑक्सीजन, छाया और फल मिले एवं भूमि कटाव रोकने में सहायक सिद्ध हों। उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अमृत सरोवरों का उपयोग एक पर्यटन स्थल के रूप में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों पर जानवरों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा, कहा अमृत सरोवरों में गन्दगी कतई नहीं जानी चाहिए। जानवरों के लिए गांव के अन्य तालाब उपयोग में लाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों में मछली पालन का काम किया जा सकता है। बताया गया कि प्रदेश में 4000 अमृत सरोवर तैयार हो गए हैं। प्रदेश में अन्य प्रांतों की अपेक्षा सबसे अधिक अमृत सरोवर उत्तर प्रदेश में बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लक्ष्य का 20 प्रतिशत अमृत सरोवर 15 अगस्त तक हर हाल में तैयार कर लिए जाएं। ज्ञातव्य है कि 15 अगस्त (स्वाधीनता दिवस) पर 7500 अमृत सरोवरों पर झंडारोहण किया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री ने मनरेगा मजदूरों, मेटों के भुगतान आदि की भी जानकारी हासिल की। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में पात्रता के चयन के बारे में उपमुख्यमंत्री द्वारा जांच कराये जाने के दिये गये निर्देशों के अनुपालन की जानकारी करने पर बताया गया, कि इसमें काफी मात्रा में ऐसे प्रकरण आए हैं, जहां पात्र को अपात्र बनाया गया और अपात्र को पात्र बनाया गया है, इन सभी प्रकरणों पर सभी संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है।
उन्होंने 75 विलुप्तप्राय नदियों के पुनरुद्धार कार्यवाही की भी जानकारी हासिल की। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर उप मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में 75 नए विकास खंडों के निर्माण के निर्णय के संबंध में की गयी कार्यवाही की जानकारी हासिल करने पर बताया गया कि 75 के  सापेक्ष 90 की सूची तैयार कर ली गई है। प्रत्येक नये विकास खण्ड की स्थापना में लगभग 3.50 करोड़ का खर्चा आएगा। उन्होंने कहा कि आकांक्षात्मक जिलों और ब्लॉकों में ग्राम्य विकास विभाग के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के पद भरे रखे जाएं ।उन्होंने कहा  कि जिन विकास खंडों में खंड विकास अधिकारी नहीं है, वहां पर ज्वाइन्ट बी0डी0ओ0 की तैनाती की जाए, लेकिन आकांक्षात्मक जिलों में फुल फ्लैश खण्ड विकास अधिकारी रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि खंड विकास अधिकारियों के पदोन्नति सहित अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों की पदोन्नति की डीपीसी तत्काल की जाए। विधायक निधि से कराए जाने वाले कार्यों के बारे में विधायकों को जानकारी  दिए जाने के उद्देश्य से प्रकाशित की जाने वाली बुकलेट कि अद्यतन जानकारी हासिल करने पर बताया गया कि इसका पूरा ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और जल्दी ही बुकलेट प्रकाशित कर विधायकों, जनप्रतिनिधियों और जिले के अधिकारियों को भेजी जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा ग्राम्य विकास विभाग में चलाई जा रही योजनाओं के संबंध में आम लोगों को जानकारी देने हेतु एक मासिक पत्रिका का संपादन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए, इसके लिए संपादक मंडल गठित किया जाए और पुराने अनुभवी अधिकारियों का भी इसमें सहयोग लिया जा सकता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा की मनरेगा में पक्के काम/मटेरियल में मद मे 40 प्रतिशत के मानक को पूरा करने के लिए प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों व अन्य ग्राम्य विकास की योजनाओं के बोर्ड आकर्षक, अच्छे व मजबूत होने चाहिए। इस संबंध में उनके निर्देशों के क्रम में एक डिजाइन भी तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा डिजाइन होना चाहिए कि 05 पीढ़ियों तक वह बोर्ड वहां पर मौजूद रहे और इसके लिए नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जिन ग्राम सभाओं को नगर पालिका या नगर पंचायतों में सम्मिलित किया गया है, वहां पर नोटिफिकेशन के पूर्व ग्राम पंचायत के माध्यम से जो काम होने हैं, वह जरूर करा दिए जाएं। उन्होंने कहा कि मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि वह विकास कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों के सुझाव जरूर लें। यह भी निर्देश दिए कि सांसद आदर्श गांव में होने वाले कार्यों में फोकस किया जाए। निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में यथासंभव दिव्यांगों को भी सम्मिलित करने का प्रयास किया जाए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जनसमस्याओं के निराकरण हेतु विकास खंडों में ब्लॉक दिवस आयोजन करने के बारे में दिशा निर्देश जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि मनरेगा में जॉब कार्डों के सत्यापन की कार्यवाही की रिपोर्ट 15 दिन के अंदर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए। सभी जिलों के प्रत्येक विकासखंड में दो अच्छा काम करने वाले प्रधानों का चयन कर उनका सम्मेलन कराए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त/अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास श्री मनोज कुमार सिंह, ग्राम्य विकास आयुक्त श्री जी0एस0 प्रियदर्शी, अपर आयुक्त (मनरेगा) श्री योगेश कुमार, मिशन निदेशक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, श्री भानु चंद्र गोस्वामी सहित अन्य उच्च स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।