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Yogi Adityanath: जॉब क्रिएशन और स्टार्टअप के मामले में यूपी की योगी सरकार को सफलता, नौकरियों में छुआ ये आंकड़ा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने रोजगार सृजन पर अब विशेष जोर देना शुरू किया है। योगी सरकार 2.0 जॉब क्रिएशन और स्टार्टअप के मामले में सफलता दर्ज की है। वहीं, रोजगार उपलब्ध कराने में भी सरकार को सफलता मिली है। योगी सरकार ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन पीएमईजीपी योजना में वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में ही दूसरी तिमाही के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। यह युवाओं को रोजगार देने और प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा नए लघु-सूक्ष्म उघोग स्थापित करने के विजन को प्रदर्शित करता है। पीएमईजीपी योजना के तहत दूसरी तिमाही तक 1850 इकाईयां प्रदेश में स्थापित करनी थी जिसे पहली तिमाही में ही लगभग पूरा कर लिया गया है। वहीं रोजगार के मामले में तो पहली तिमाही में ही 108 प्रतिशत के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।

सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से अब बेरोजगारों को रोजगार देने पर फोकस किया जा रहा है। सीएम योगी ने युवाओं को रोजगार देने वाला बनाने पर जोर दे रहे हैं। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में भी प्रदेश में अधिक से अधिक लघु और सूक्ष्म उद्योग स्थापित करना शामिल है। सीएम की मॉनिटरिंग के जरिए इस क्षेत्र में सफलता की बात कही जा रही है। पीएमईजीपी योजना के प्रभारी हरि राम सिंह ने बताया कि प्रदेश के युवा को रोजगार देने और उद्योग स्थापित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में तेजी से लघु और सूक्ष्म उघोग स्थापित किए जा रहे हैं। पीएमईजीपी के तहत प्रदेश में वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही सितंबर तक 1850 इकाइयां ग्रामीण इलाकों में स्थापित की जानी थी, जिसके लिए 2194 आवेदन स्वीकृत किए गए। वहीं पहली तिमाही में ही 1636 इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं जो लक्ष्य पूरा करने के 95 प्रतिशत के करीब है जबकि शेष पर काम चल रहा है।

लक्ष्य से अधिक दी गई नौकरी
सूक्ष्म एवं एमएसएमई खादी ग्रामोद्योग निर्यात प्रोत्साहन के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि योजना के तहत दूसरी तिमाही में 15 हजार बेरोजगारों को रोजगार देने का लक्ष्य था। इसे पहली तिमाही में ही लक्ष्य से 8 प्रतिशत अधिक पूरा कर लिया गया है। दूसरी तिमाही सितंबर तक 15 हजार को रोजगार देना था, इसे पहली तिमाही जून में ही पूरा करते हुए 16257 बेरोजगारों को रोजगार दिया गया। साथ ही उद्योग स्थापित करने के लिए मिले लगभग सात करोड़ रुपये में से अब तक करीब 6 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। पिछले पांच वर्षों में प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में 15090 इकाईयां स्थापित की गईं। इसके लिए 1982 करोड़ खर्च किए गये। वहीं 1,60,166 बेरोजगारों को अतिरिक्त रोजगार दिया जा चुका है।