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गंगा में उफान : नदी का जलस्तर बढ़ने से कासगंज के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा, खेतों में पहुंचा पानी

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कासगंज जिले में गंगा नदी उफान पर बह रही है। पहाड़ों पर हो रही बारिश के कारण बैराजों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे जिले के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। शहवाजपुर घाट पर गंगा के पानी की दस्तक हो चुकी है। शहवाजपुर घाट के आसपास के खेतों तक पानी पहुंच चुका है। इससे किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं।

सोमवार को नरौरा बैराज से 99267 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। कछला ब्रिज पर गंगा 163.55 मीटर के निशान पर बह रही थी। जिले में एक लाख क्यूसेक पानी के डिस्चार्ज पर लो फ्लड की स्थिति बन जाती है। नरौरा का डिस्चार्ज एक लाख क्यूसेक के नजदीक पहुंच गया। जिससे जिले में गंगा पर बने बांधों का दबाव बढ़ने लगा। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सहित अन्य अभियंताओं की टीमों ने बांधों का निरीक्षण करते हुए स्थिति का जायजा लिया। दतलाना उढ़ेर बांध पर टीम पहुंची। पूरे इलाके में भ्रमण किया। 

गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण शहवाजपुर घाट पर काफी प्रभाव देखा गया। शहवाजपुर गांव से घाट एक किलोमीटर की दूरी पर है। इस घाट पर गंगा स्नान प्रतिबंधित है, जिसके कारण वहां पुलिस तैनात है। पुलिस के कैंपों तक गंगा के पानी ने दस्तक दे दी। आसपास के खेतों में भी गंगा का पानी पहुंच गया। जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। 

गांव की ओर बढ़ रहा पानी 

शहवाजपुर के सुनील कुमार ने बताया कि गंगा में पानी लगातार बढ़ रहा है। अभी जलस्तर और बढ़ेगा। गांव बमनपुरा के अरविंद कुमार ने बताया कि उनके गांव की सड़क के दूसरी ओर तक गंगा का पानी पहुंच जाएगा। गंगा का जलस्तर ज्यादा बढ़ा तो गांव की आबादी भी प्रभावित हो सकती है। इसी तरह की आशंका अजीतनगर के राजेश और किसौल के दिनेश ने जताई। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ का पानी खेतों में घुसा तो मक्का, बाजरा और मूंगफली की फसल को नुकसान होगा। गन्ना और धान को कोई नुकसान नहीं है।

बैराजों से पानी डिस्चार्ज

हरिद्वार से डिस्चार्ज- 89468 क्यूसेक पानी।
बिजनौर से डिस्चार्ज- 56820 क्यूसेक पानी।
नरौरा से डिस्चार्ज- 99267 क्यूसेक पानी।

फिलहाल कोई खतरा नहीं 

सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अरुण कुमार ने बताया कि गंगा में नरौरा बैराज से डिस्चार्ज लो फ्लड लेवल के करीब है। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बांधों का निरीक्षण किया गया है। अभी किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। एक दो दिन में गंगा का जलस्तर कम होने लगेगा। 

विस्तार

कासगंज जिले में गंगा नदी उफान पर बह रही है। पहाड़ों पर हो रही बारिश के कारण बैराजों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे जिले के तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। शहवाजपुर घाट पर गंगा के पानी की दस्तक हो चुकी है। शहवाजपुर घाट के आसपास के खेतों तक पानी पहुंच चुका है। इससे किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं।

सोमवार को नरौरा बैराज से 99267 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। कछला ब्रिज पर गंगा 163.55 मीटर के निशान पर बह रही थी। जिले में एक लाख क्यूसेक पानी के डिस्चार्ज पर लो फ्लड की स्थिति बन जाती है। नरौरा का डिस्चार्ज एक लाख क्यूसेक के नजदीक पहुंच गया। जिससे जिले में गंगा पर बने बांधों का दबाव बढ़ने लगा। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सहित अन्य अभियंताओं की टीमों ने बांधों का निरीक्षण करते हुए स्थिति का जायजा लिया। दतलाना उढ़ेर बांध पर टीम पहुंची। पूरे इलाके में भ्रमण किया। 

गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण शहवाजपुर घाट पर काफी प्रभाव देखा गया। शहवाजपुर गांव से घाट एक किलोमीटर की दूरी पर है। इस घाट पर गंगा स्नान प्रतिबंधित है, जिसके कारण वहां पुलिस तैनात है। पुलिस के कैंपों तक गंगा के पानी ने दस्तक दे दी। आसपास के खेतों में भी गंगा का पानी पहुंच गया। जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं।