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Vinit Upadhayay
Ranchi: रजिस्ट्री के लिए ऑफलाइन खतियान सत्यापन की बाध्यता का आदेश जारी होने का असर निबंधन पर दिखने लगा है. आम तौर पर जुलाई महीने में सामान्य के मुकाबले ज्यादा रजिस्ट्री देखी जाती थी. लेकिन अब तक के आंकड़े देखकर ऐसा लगता है कि खतियान की बाध्यता ने रजिस्ट्री की रफ्तार धीमी कर दी है. सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि जून महीने में राज्य के प्रमुख जिलों में कितनी रजिस्ट्री हुई है.
जून में किस जिले में कितनी रजिस्ट्री हुई
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रांची- 2000 से ज्यादा
धनबाद- लगभग 1500
जमशेदपुर- लगभग 700
बोकारो- लगभग 500
पलामू- लगभग 1000
हज़ारीबाग- लगभग 850
जुलाई महीने में अब तक किस जिले में कितनी रजिस्ट्री हुई
रांची- 474 से ज्यादा
धनबाद- लगभग 204
जमशेदपुर- लगभग 130
बोकारो- लगभग 198
पलामू- लगभग 226
हजारीबाग- लगभग 280
जुलाई महीने में 11 कार्य दिवस बीत चुके हैं और अब तक के आंकड़े देखकर यही लग रहा है कि जून महीने की अपेक्षा जुलाई महीने में अब तक रजिस्ट्री कराने में लोगों की रूचि कम हुई है. लेकिन इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बनी है निबंधन पदाधिकारियों द्वारा ऑनलाइन के साथ साथ ऑफलाइन खतियान की मांग. रांची निबंधन कार्यालय में करीब 10 वर्षों से ज्यादा समय से दस्तावेज लेखन का कार्य करने वाले दस्तावेज लेखक दीपक साहू के मुताबिक, इस नयी व्यवस्था से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. रांची में कई ऐसी जमीन है जिसका निबंधन पिछले दिनों ऑफलाइन खतियान के आधार पर हुआ है. लेकिन अब उसी भूमि के निबंधन में परेशानी होने की संभावना है. क्योंकि कई खतियान फटे हुए हैं. ऐसे में आम लोग त्राहि-त्राहि तो करेंगे ही. सरकार को राजस्व भी कम मिलेगा.
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