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Azam Khan: आजम खान का कोर्ट से नहीं छूट पा रहा पीछा, अब चोरी और लूटपाट मामले में हुए हाजिर

रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) पर कई संगीन मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें लूटपाट और चोरी जैसे मामले भी थे। आजम खान 27 महीने की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत पाकर जेल से बाहर आ चुके हैं, लेकिन कोर्ट से उनका पीछा नहीं छूट रहा है। इन्‍हीं में से एक गंज थाना क्षेत्र स्थित डूंगरपुर का मामला है। इस मामले में वह गुरुवार को स्थानीय एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर हुए।

आजम खान और तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन खान सहित कई समाजवादी पार्टी के नेताओं पर बुलडोजर से घर तोड़ दिए जाने, लूटपाट करने और चोरी जैसे आरोपों में रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में बहस हुई। आजम पक्ष के वकील ने इन तमाम आरोपों को खारिज किए जाने की गुहार लगाते हुए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। इस पर सरकारी वकील ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए अदालत में बहस की। अब इस मामले में 5 जुलाई की तारीख तय हुई है। इस दिन अदालत अपना फैसला सुनाएगी कि क्या आजम खान पक्ष को आरोप मुक्त किया जाए या उन पर आरोप पत्र के मुताबिक मुकदमा चलाया जाए।

सरकारी वकील कमल गुप्ता का कहना है कि आजम खान, उमेंद्र चौहान, वीरेंद्र गोयल, इस्लाम ठेकेदार, आले हसन हाजिर अदालत आए थे। जो तीन मुकदमे लगे थे दो कोतवाली के और एक गंज का है। एक डूंगरपुर का मामला था और 2 कोतवाली के मामले थे। यतीम खाने वाले मामले पर बहस हो गई है डिस्चार्ज एप्लीकेशन पर। इसमें फैसला 5 तारीख को आएगा इसमें आजम खान पर चार्ज लगना है या नहीं लगना है, 5 तारीख को आरोप तय होंगे।

सीतापुर जेल को बताया था सुसाइडल जेल
गौरतलब है कि सीतापुर जेल में बंद रहे आजम खान ने बाहर आने के बाद इसे सुसाइडल जेल करार दिया था। उन्‍होंने कहा था कि सीतापुर की जेल पूरे हिंदुस्तान में सुसाइडल जेल के तौर पर जानी जाती है। वहां लोग खुदकुशी बहुत करते हैं। मुझे, मेरे बेटे को, मेरी बीवी को उस जेल में डाल दिया गया। कहीं और भी डाल सकते थे। सीतापुर की जेल में हम लोगों को डाला गया कि हम तीनों में से जो सबसे कमजोर होगा वो अपनी जान देगा। उसके जाने के गम में दूसरा जान देगा और जब दोनों जान देगा तो तीसरा भी जान देगा। और फिर तीन जनाजे सीतापुर की जेल से बाहर निकलेंगे।