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Brajesh Pathak: हैलो माता जी, अब कैसी तबियत है, मैं डिप्टी सीएम…जब ब्रजेश पाठक ने की मरीजों से बात

लखनऊ: हैलो, मैं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) बोल रहा हूं। माता जी, अब आपकी तबीयत कैसी है? इलाज के दौरान अस्पताल में कोई दिक्कत तो नहीं हुई। किसी ने बाहर की दवा तो नहीं लिखी। डॉक्टर और कर्मचारियों का व्यवहार कैसा था? आप बिना संकोच बताएं। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बुधवार को प्रदेश के 5 जिलों के 10 मरीजों को फोन कर ऐसे ही सवाल किए। ब्रजेश पाठक लगातार आम लोगों के बीच जाकर सरकार के कामकाज की जानकारी लेते दिख रहे हैं। पिछले दिनों लगातार वे अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर कार्रवाई की बात करते दिखते हैं। वहीं, अब उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों को कॉल कर उनका हालचाल जाना है। डिप्टी सीएम की इस कार्रवाई की तारीफ मरीज से लेकर उनके परिजन तक करते दिख रहे हैं। मंत्री ने मरीज और उनके परिजनों को साफ कहा कि अगर किसी प्रकार की दिक्कत हो तो सरकार आपके साथ खड़ी रहेगी। इस प्रकार के कॉल से मरीजों और उनके परिजनों का उत्साह बढ़ा दिखा।

इन स्थानों के मरीजों को किया फोन
शाहजहांपुर
* डिप्टी सीएम: सुदामा जी बोल रही हैं।
मरीज: हां भैया, आप कौन?
डिप्टी सीएम: मैं डिप्टी सीएम बोल रहा हूं।
मरीज : हां भैया, बताईए।
डिप्टी सीएम: आपकी तबीयत कैसी है? अस्पताल में कोई दिक्कत तो नहीं हुई।
मरीज: नहीं भैया। हमका डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की परेशानी है। तबीयत ज्यादा बिगड़ गई रहे। डॉक्टर इमरजेंसी में भर्ती कर इलाज किए। अब हम ठीक हैं। मुफ्त इलाज मिला। घर के लिए 15 दिन की दवा भी मिली है। अब दो हफ्ते बाद फिर बुलाया गया है।
डिप्टी सीएम: कोई दिक्कत हो तो बताना अम्मा।

* डिप्टी सीएम: हैलो रामदीन बोल रहे हैं।
परिजन: नहीं, मैं उनका बेटा वीर पाल बोल रहा हूं।
डिप्टी सीएम: मैं डिप्टी सीएम। बाबू जी की तबीयत कैसी है?
परिजन: मंत्री जी, अस्पताल में काफी बदलाव आया है। इमरजेंसी में पापा को तुंरत भर्ती कर लिया गया था। जांच से लेकर दवा तक फ्री मिली। कोई दिक्कत नहीं हुई।

बस्ती
* डिप्टी सीएम: बालमुकुंद जी, अब आपका बुखार कैसा है?
परिजन: पापा जी आराम कर रहे हैं। मैं उनका बेटा मंजीत बोल रहा हूँ। पापा जी की तबीयत में सुधार है। बुखार और उल्टी-दस्त के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने तुरंत ग्लूकोज चढ़ाया और इंजेक्शन लगाए थे। एक दिन बाद पापा की अस्पताल से छुट्टी कर दी गई। अस्पताल में साफ-सफाई पहले से बेहतर हुई है।

* डिप्टी सीएम : आप सुनील बोल रहे हैं।
परिजन: जी हां।
डिप्टी सीएम : मैं उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक बोल रहा हूं। आपके बेटे राहुल की तबीयत कैसी है। इलाज में कोई असुविधा तो नहीं हुई।
परिजन: जी नहीं। मेरे 14 साल के बेटे राहुल को पेट संबंधी परेशानी थी। बेहतर इलाज से बेटा ठीक हो गया। पहले से अस्पताल की सुविधाओं में इजाफा हुआ है। नियमित साफ-सफाई हो रही है।

लखनऊ
* डिप्टी सीएम: ट्रॉमा सेंटर में भर्ती राहुल रावत जी की तबीयत कैसी है? इलाज हासिल करने में कोई असुविधा तो नहीं हो रही है। यदि कोई दिक्कत हो तो बताना। मैं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक हूँ।
परिजन: जी सर। मैं राहुल का भाई पवन हूं। हम लोग आशियाना में रहते हैं। ट्रॉमा सेंटर के तीसरे तल पर भाई का इलाज चल रहा है। मोटरसाइकिल से गिरने की वजह से चोट लग गई है। हाथ-पैर बेजान हो गए हैं। डॉक्टरों की टीम इलाज में जुटी है। तबीयत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। डॉक्टर-कर्मचारियों का बर्ताव भी ठीक है।

* डिप्टी सीएम: मैं डिप्टी सीएम बोल रहा हूं। सुना है सिविल में आपके मरीज राजेंद्र प्रसाद को इलाज हासिल करने में कोई दिक्कत आ रही है।
परिजन: मैं राजेंद्र की पत्नी शिवकुमारी बोल रही हूं। मेरे पति के पैर में पस बन रहा है। डॉ. यूके प्रसाद सर इलाज कर रहे हैं। अभी तक इलाज में कोई परेशानी नहीं हुई। पैसे की मांग भी किसी स्तर पर नहीं हुई है। दवाएं भी मुफ्त मिल रही हैं।

एटा
* डिप्टी सीएम: राजपाल जी, आपको क्या बीमारी है? जिला अस्पताल में आपको इलाज हासिल करने में कोई अड़चन तो नहीं आई।
परिजन: साहब, पिता के दोनों गुर्दे खराब हैं। डॉक्टर ने डायलिसिस की सलाह दी है। अस्पताल में कुछ दवाएं तो मिल गईं। लेकिन, गुर्दे की कुछ दवाएं बाजार से लेनी पड़ी।
डिप्टी सीएम: कोई नहीं, मैं दवाओं का बंदोबस्त कराता हूं।
(डिप्टी सीएम ने मरीज की परेशानी सुनकर तुरंत स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. वेदव्रत सिंह को फोन लगाया। मरीज राजपाल की मदद के निर्देश दिए।)

* डिप्टी सीएम: शकुंतला जी को इलाज हासिल करने कोई दिक्कत तो नहीं आई। यदि कोई दिक्कत आए तो मुझे बता सकते हैं। मैं डिप्टी सीएम आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार हूँ।
परिजन: जी, मां को गुर्दे की परेशानी हैं। जिला अस्पताल से दवाएं मिल रही हैं। डायलिसिस भी फ्री हो रही है।

भावुक हुई बुजुर्ग महिला मरीज
हरदोई निवासी 70 साल की बुजुर्ग महिला रामरति के पास जब डिप्टी सीएम का फोन पहुंचा तो वह भावुक हो गईं। उन्होंने कहा, भैया इलाज बहुत अच्छा मिला। पहली बार किसी ने इलाज के बाद इस तरह फोन कर तबीयत का हाल लिया है। रामरति के दमाद ने बताया कि उनकी सास को उल्टी-दस्त और पेट दर्द की परेशानी होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टर ने मुफ्त इलाज मुहैया कराया। छुट्टी के समय सात दिन की दवा भी दी। डॉक्टर व कर्मचारियों का बर्ताव भी ठीक रहा। डिप्टी सीएम ने कहा, अम्मा कोई दिक्कत हो तो बताना। सरकार को आपकी सेहत की चिंता है।

एंबुलेंस के बारे में भी ली जानकारी
डिप्टी सीएम ने अगला फोन लगाया और पूछा कि आप हरदोई से रानी श्रीवास्तव के घर से बोल रहे हैं। हां जी, मैं उनका पति पप्पू बोल रहा हूं। डिप्टी सीएम ने अपना परिचय देते हुए पूछा कि अब आपकी पत्नी की तबीयत कैसी है? इलाज में कोई दिक्कत तो नहीं हुई। पप्पू ने बताया, जी नहीं। 108 एम्बुलेंस को इमरजेंसी में बुलाया था। एम्बुलेंस कुछ समय में घर आ गई थी। मरीज को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पत्नी रानी को घबराहट और छाती में दर्द हुआ था। इलाज से वह ठीक हैं। इलाज में कोई दिक्कत नहीं हुई। आपके फोन ने मेरी उर्जा बढ़ा दी है। पहली बार इलाज की व्यवस्था जानने के लिए फोन किया। उन्होंने मंत्री को इसके लिए धन्यवाद दिया।