![](https://paw1xd.blr1.cdn.digitaloceanspaces.com/lokshakti.in/2024/06/default-featured-image.webp)
कान्हा की ब्रजभूमि पर भक्ति के विविध रूप देखने को मिलते हैं। यहां मौसम के अनुरूप भक्त अपने आराध्य की सेवा करते हैं। सर्द मौसम में ठाकुरजी को सर्दी से बचाने के लिए जतन करते हैं तो गर्मी में आराध्य को ठंडक प्रदान करने के लिए अनेक उपाय किए जाते हैं। मंदिरों में फूल बंगला सजाया जाता है, जिसमें विराजमान होकर ठाकुरजी भक्तों को दर्शन देते हैं। इसी आस्था भाव से दक्षिण भारतीय परंपरा के रंगजी मंदिर में बृहस्पतिवार को पंच दिवसीय बसंतोत्सव का शुभारंभ हुआ। बता दें कि ब्रज में बसंतोत्सव होली से पहले मनाया जाता है, लेकिन दक्षिण में परंपराएं अलग हैं। इसी के चलते रंगजी मंदिर में बसंतोत्सव की शुरुआत हुई है। बसंतोत्सव में रंगजी मंदिर के सेवायत ठाकुरजी को गर्मी से राहत देने के अनेक उपाय करेंगे।
वृंदावन स्थित दक्षिण शैली के प्रसिद्ध रंगजी मंदिर में श्रीरामानुज संप्रदाय की परंपरानुसार उत्सवों की श्रृंखला जारी रहती है। ग्रीष्मकाल में ठाकुर श्री रंगमन्नार भगवान को शीतलता प्रदान करने के उद्देश्य से बसंतोत्सव का भव्य आयोजन मान्यतानुसार आयोजित किया जाता है।
बृहस्पतिवार को रंगजी मंदिर में पांच दिवसीय बसंतोत्सव भव्य आयोजन विविध धार्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठानों के साथ शुरू हुआ। ठाकुरजी के श्रीविग्रह हरियाली युक्त वातावरण के बीच बगीची में विराजित किए गए।
सेवायत रघुनाथ स्वामी ने बताया कि पंच दिवसीय बसंतोत्सव में खस की टटिया से घिरे परिसर में विराजमान ठाकुरजी के श्रीविग्रह का शीतल जल से तिरुमन्जन कर केसर, कपूर मिश्रित चन्दन का लेपन किया जाता है।
ठाकुरजी को पीले सूती वस्त्र धारण कराकर सुगंधित पुष्पों की माला अर्पित की जाती है। इसके साथ ही शीतल पेय पदार्थ निवेदित किए जाते हैं। सेवायत ने बताया कि पंच दिवसीय बसंतोत्सव के प्रतिदिन ठाकुरजी के समक्ष बसंत राग का गायन किया जाता है।
More Stories
पहली क्लोन ट्रेन नई दिल्ली-पटना के बीच अगस्त में आई।
डबल नहीं, राजस्थान में चार इंजन की सरकार है- डोटासरा
शादी का झांसा देकर खुदकुशी कर ली गैंगरेप