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राज्यपाल ने जतायी नाराजगी, विश्वविद्यालयों में स्वीकृत पदों से कम हो रही नियुक्ति

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शिक्षक प्रोन्नति की दिशा में जल्द हो स्टैच्यूट का गठन, निःशक्तजनों को मिले आरक्षण का लाभ
विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए किये जा रहे प्रयासों और रिक्तियों की राज्यपाल ने की समीक्षा

Ranchi : राज्यपाल सह विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेश बैस ने कहा कि छात्रहित में उच्च शिक्षा विभाग को अपनी कार्यप्रणाली में गति लानी होगी. इसके लिए शिक्षा विभाग की सभी समस्याओं को दूर करने की जरूरत है. राज्यपाल सोमवार को राजभवन में विश्वविद्यालयों के विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए किये जा रहे प्रयासों और रिक्तियों की समीक्षा कर रहे थे. समीक्षा के दौरान राज्यपाल ने झारखंड के विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों, पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर नाराजगी व्यक्त की. कहा कि रांची विश्वविद्यालय, में शिक्षकों के स्वीकृत पद 1032 के विरुद्ध 674, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में 166 के विरुद्ध 111, कोल्हान विश्वविद्यालय में 994 के विरुद्ध 719, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय, जमशेपुर में 60 के विरुद्ध 30, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग में 597 के विरुद्ध 343, विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय,  धनबाद में 651 के विरुद्ध 414, नीलांबर-पीताम्बर विश्वविद्यालय, पलामू में 383 के विरुद्ध 279, सिदो-कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका में 683 के विरुद्ध 494 रिक्त्त पदों का भरा जाना एक अत्यंत ही गंभीर विषय है. इस स्थिति में परिवर्तन लाना होगा, रिक्तियों को भरना होगा.

बैठक में राज्यपाल ने निर्देश दिया है कि शिक्षक प्रोन्नति की दिशा में वर्ष 2010 से 2018 तक के अवधि के लिए गठित होने वाले स्टैच्यूट का गठन जल्द ही गठन कर लिया जाय. इसके अलावा विश्वविद्यालय में कार्यरत निःशक्तजनों को आरक्षण का यथोचित लाभ मिलना चाहिए. बैठक में झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी, राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ. नितिन कुलकर्णी और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे.

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झारखंड प्रौद्यगिकी विश्वविद्यालय के स्टैच्यूट निर्माण स्थिति की समीक्षा के क्रम में राज्यपाल ने नाराजगी जतायी. कहा, निर्माण की प्रक्रिया वर्ष 2017 से चल रही है. अब तक इसका निर्माण नहीं हुआ है, इतने वर्षों में निर्माण न होना बहुत ही गंभीर विषय है. उच्च शिक्षा विभाग द्वारा बताया गया, स्टैच्यूट का प्रारूप तैयार कर लिया गया है. वित्त विभाग की सहमति के लिए इसे भेजा गया है. इस पर उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग को वित्त विभाग से समन्वय व संपर्क स्थापित करने हेतु निदेशित किया.

राज्यपाल ने विनोबा भावे विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागों में शिक्षकों के 70 पद एवं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मियों के पदों की स्वीकृति के संदर्भ में समीक्षा की. विभाग द्वारा बताया गया है कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय अंतर्गत 19 स्नातकोत्तर विभागों में शिक्षकों के कुल 70 पदों (40 सहायक प्राध्यापक, 20 सह-प्राध्यापक एवं 10 प्राध्यापक) के सृजन के लिए कैबिनेट की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव  भेजा गया है. वहीं,  डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के 40 पद (20 सह-प्राध्यापक, 20 प्राध्यापक) पदों का प्रस्ताव भेजा गया है.

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विश्वविद्यालय में दिव्यांगजनों के आरक्षण संबंधी विषय को लेकर राज्यपाल ने निर्देश दिया है, कि विभाग को यूनिट न मानकर विश्वविद्यालय को यूनिट माना जाय. निःशक्त व्यक्ति (दिव्यांगजन) अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत सरकार के अधीन पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन के लिए निःशक्तजनों को आरक्षण का यथोचित लाभ दिया जाये. उन्होंने झारखंड लोकसेवा आयोग को भेजी जा रही अधियाचना की समीक्षा करते हुए कहा कि इस दिशा में गंभीरतापूर्वक ध्यान दें ताकि विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक के बैकलॉग एवं नियमित पदों, सह-प्राध्यापक, प्राध्यापक के पदों पर अतिशीघ्र भरा जाये.

 

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