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Noida: ग्रेटर नोएडा में हत्या की साजिश का ये मामला आपको कर देगा दंग…बेटियों के साथ मां भी थी शामिल, जानिए पूरा मामला

ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) से हत्या की साजिश का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह मामला ऐसा है, जिसमें भले ही साजिश नाकाम रही, रिश्तों का कत्ल जरूर कर दिया गया। दनकौर से आए हत्या की साजिश के इस मामले ने रिश्तों के ताने-बाने पर चर्चा एक बार फिर गरमा दी है। मामला दवा का ओवरडोज देकर एक व्यक्ति को मारने का है। साजिश छह माह पहले रची गई थी। इस मामले में परिवार की संलिप्तता का खुलासा पुलिसिया कार्रवाई के बाद हुआ। दरअसल, पूरा मामला अवसाद की दवा के ओवरडोज से मार डालने की साजिश का है। इस मामले में व्यक्ति की पत्नी, दो बेटियां और उनके बॉयफ्रेंड कानून के शिकंजे में आए हैं।

दनकौर के जुनैदपुर गांव निवासी 50 वर्षीय देवेंद्र को मारने की साजिश उनके परिवार में ही रची गई। अवसाद की गोलियां भोजन में मिलाकर खिलाने की योजना छह महीने पहले तैयार की गई थी। इस साजिश में पांच लोग शामिल थे। बाद में एक साजिशकर्ता का हृदय परिवर्तन हुआ और उसने भोजन में मिलाई जाने वाली दवाओं का डोज कम कर दिया। इस पूरे मामले में नोएडा पुलिस ने देवेंद्र की पत्नी 45 वर्षी राजकुमारी, उनकी बेटियों 21 वर्षीय ज्योति एवं 20 वर्षीय अर्चना और उनके प्रेमी 23 वर्षीय अभिषेक एवं 22 वर्षीय दीपक सिंह को गिरफ्तार किया है।

गांव में रहता है परिवार
देवेंद्र अपने परिवार के साथ गांव में रहते थे। वहां उनकी पत्नी और दोनों बेटियों के अलावा सास रीना देवी और उनके भाई के दो बेटे भी रहते हैं। सात लोगों का परिवार जुनैदपुर में रहता था। देवेंद्र को मारने की साजिश उनकी बेटियों ने बनाई। प्रेमियों के साथ मिलकर बनाई गई इस योजना में उनलोगों ने मां को भी शामिल कर लिया। इसके बाद वे सभी उपयुक्त समय की प्रतीक्षा करने लगे। 15 मई को इन लोगों ने देवेंद्र को जहरीली दवा देकर मारने की योजना बनाई। लेकिन, बाद में मामला गड़बड़ हो गया।

क्यों रची गई पूरी साजिश?
दनकौर के थाना प्रभारी राधा रमन सिंह ने कहा कि देवेंद्र सिंह की बेटी अर्चना एक साल से दीपक को डेट कर रही थी। दूसरी बेटी ज्योति, अभिषेक के साथ करीब 7-8 महीने पहले रिलेशनशिप में आई थी। दोनों बहनों ने अपने प्रेमी से शादी करने की इच्छा जताई, लेकिन उनके पिता और दादी ने इसका विरोध किया। देवेंद्र के अपनी पत्नी के साथ खराब संबंध थे। थाना प्रभारी ने कहा कि देवेंद्र बराबर बेटियों की शादी का विरोध कर रहा था। साथ ही, पत्नी के साथ भी लगातार झगड़ा कर रहा था। इसके बाद वारदात को अंजाम देने का निर्णय लिया गया।

पत्नी के भी अवैध संबंध की सूचना
शादी के लिए अनुमति नहीं मिलने से नाराज बेटियों ने पिता, दादी और दोनों नाबालिग चचेरे भाइयों को जहरीली दवा देकर मारने की योजना बनाई। बेटियां जानती थी कि मां उनके पिता से खुश नहीं है। इसलिए इस साजिश में उन्होंने उन्हें भी शामिल कर लिया। दरअसल, राजकुमारी करीब डेढ़ साल पहले घर से भाग गई थी। लेकिन, परिजनों के दबाव के बाद वह वापस आ गई। उसके गांव के ही पास के रविंद्र कुमार से रिलेशनशिप का मामला सामने आया है। करीब 5-6 माह पहले जब देवेंद्र को मामले का पता चला तो दोनों ने अपना रिश्ता खत्म कर लिया।

पांचों करते थे हत्या की साजिश की चर्चा
पुलिस ने कहा कि पांचों आरोपी अक्सर फोन पर हत्या की साजिश पर चर्चा करते थे। करीब एक हफ्ते पहले दीपक ने सिकंदराबाद से एटीवन की 20 गोलियां कथित तौर पर खरीदीं और अर्चना को दीं। पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने नोएडा के सेक्टर 58 में एक कमरा भी किराए पर लिया था, जहां हत्या के बाद रहने की योजना बनाई गई थी। घटना वाले दिन राजकुमारी ने रविंद्र को कई बार फोन किया, लेकिन उसने इसकी शिकायत उसके पति से कर दी। थाना प्रभारी ने बताया कि रात के खाने में राजकुमारी और उनकी बेटियों ने एटीवन की गोलियों को लौकी की एक डिश के साथ मिलाया गया था।

बदल गया एक साजिशकर्ता का मन
पुलिस ने कहा कि पांचों आरोपियों का मकसद परिवार के सदस्यों को गोलियां खिलाकर मारना था। लेकिन, अर्चना का नाबालिग भाइयों के कारण मन बदल गया। उसने खाने में मिलाई जाने वाली गोलियों की संख्या कम कर दी। खाना खाने के बाद देवेंद्र, उनकी मां और दोनों नाबालिग 15 मई की रात 10 बजे बेहोश हो गए। इसके उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। दीपक और अभिषेक ने राजकुमारी और उनकी बेटियों को अपनी कार से नोएडा में लिए गए किराए के मकान में पहुंचा दिया। होश में आने के बाद देवेंद्र ने इस घटना में राजकुमारी और रविंद्र पर केस दर्ज कराया। उनका आरोप था कि सुबह इन दोनों ने सीन क्रिएट किया था। पुलिस ने बाद में जांच के क्रम में पाया कि इस घटना में रविंद्र की कोई भूमिका नहीं है।

थाना प्रभारी ने कहा कि मामला खुलने के बाद पाचों आरोपी सिकंदराबाद भागने की तैयारी में थे। उन्हें दनकौर में कनारसी पुल के पास से पकड़ा गया। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश का रचने), 328 (जहर देकर मारने) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पांचों आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।