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Noida Crime: इंश्योरेंस की रकम पर थी बेटी की नजर, पति के साथ मिलकर मां का गला दबा दिया, 4 अरेस्‍ट

नोएडा: झाझर रोड पर बीते शुक्रवार को बुजुर्ग महिला की हत्या तकिया से मुंह दबाकर हत्या की गई थी। हत्या को हादसे का रूप देने के लिए शव को पेट्रोल से जला दिया गया था। पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए दावा किया है कि इंश्योरेंस की रकम हड़पने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। बुजुर्ग की बेटी ने एक आरोपी को 20 हजार रुपये देकर हत्या करने के लिए शामिल किया था। पुलिस ने इस मामले में मृतक महिला की बेटी और दामाद समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बेटी ने ही हत्या की साजिश रची थी।

वीरमा (65) कई वर्षों से झाझर रोड स्थित अपने मकान में रहती थीं। उनका बेटा दिल्ली में गाड़ी चलाता है। 15 अप्रैल की सुबह रसोई में उनका जला हआ शव मिला था। महिला के बेटे विपिन ने अपनी बहन मीनू व उसके पति महावीर निवासी हतेवा के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था। घटना के बाद से दोनों नामजद आरोपी फरार चल रहे थे, जिनको पुलिस ने रविवार को कनारसी गांव के नजदीक से गिरफ्तार किया है। गिरफ्त में आए दामाद ने बताया कि हत्या की साजिश उसकी पत्नी मीनू ने ही रची थी। पुलिस के मुताबिक, मीनू ने पति महावीर के साथ मिलकर रबूपुरा कोतवाली क्षेत्र के मिर्जापुर गांव निवासी अशोक व बिजन को मां के घर से कागजात चोरी करने की बात बताकर साजिश में शामिल किया था।

महिला की हत्या में शामिल बेटी और दामाद समेत चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बीमा के 15 लाख रुपये हड़पने के लिए आरोपियों ने यह हत्या की है।

-विशाल पांडे, एडिशनल डीसीपी, ग्रेटर नोएडा

अशोक को 20 हजार रुपये कागज चोरी करने के लिए दिए गए थे। चारों आरोपी पहले मीनू के घर 14 अप्रैल की रात हतेवा गांव में एकत्रित हुए। इसके बाद रात को करीब 12 बजे बाइक से मां के घर पहुंचे। जब मीनू अलमारी से बीमा से जुड़े जरूरी कागजात चोरी कर रही थी तो मां को भनक लग गई। उसी दौरान महावीर और मीनू ने तकिया से मां का मुंह दबा दिया। करीब 4 मिनट बाद उसकी मौत हो गई तो तकिया हटाया। अन्य दोनों आरोपियों ने बुजुर्ग को उठाकर रसोई में बैठा दिया। इसके बाद अपने साथ घर से ही मीनू बोतल में पेट्रोल लेकर आई थी। बेटी ने हत्या को हादसे का रूप देने के लिए मृतक मां के ऊपर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी। साथ ही, गैस के पाइप को चूल्हे से निकालकर पास में डाल दिया था।

घटना को अंजाम देकर आरोपी मृतक के बीमा के कागजात चोरी कर फरार हो गए थे। आरोपी अशोक और बिजन ने बताया कि उनको सिर्फ चोरी करने के लिए शामिल किया गया था। बेटी मीनू ने बताया कि 15 लाख रुपये का बीमा उसकी मां के नाम पर था। वह नॉमिनी थी। मौत के बाद उसको ही यह रकम मिलती। उसको डर था कि पहले भी 14 लाख रुपये के बीमा की रकम उसको नहीं दी थी। इसलिए उसने ही यह हत्या की है।

पुलिस को गुमराह करने की साजिश
14 अप्रैल की शाम मीनू दनकौर रेलवे स्टेशन पर पति के साथ पहुंची। वहां से उसने खुर्जा जाने के लिए एक टिकट खरीदा। वह वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। उसके बाद वह स्टेशन से सीधे अपने गांव में आ गई। आरोपी बेटी ने पुलिस को बताया कि उसने टिकट इसलिए खरीदा था। जब पुलिस उससे गिरफ्तार करेगी तो वह टिकट को दिखा देगी कि वह घटना से 1 दिन पहले अपने घर पर नहीं थी।