Kanpur News: बैंक अफसरों ने ही लॉकरों में डलवाई थी ‘डकैती’, तोड़ने वाले को मिला था 250 ग्राम सोना – Lok Shakti
October 18, 2024

Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Kanpur News: बैंक अफसरों ने ही लॉकरों में डलवाई थी ‘डकैती’, तोड़ने वाले को मिला था 250 ग्राम सोना

कानपुर : सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के नौ लॉकरों से करोड़ों रुपये के कीमती सामान चोरी होने के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल और डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अनधिकृत रूप से लॉकर तोड़कर कीमती सामान बेच दिया। ब्रांच मैनेजर और लॉकर तोड़ने वाले शख्स समेत 4 लोग हिरासत में हैं। इन चारों से पुलिस पूछताछ कर रही है।

सारे नियम किनारे
सेंट्रल बैंक की कराचीखाना शाखा में बीते कुछ दिनों में लॉकर से कीमती सामान गायब होने के कई केस आए। पुलिस ने एफआईआर लिख लॉकरधारकों को लॉकर चेक करने के लिए बुलाया। 507 लॉकरों में 306 चेक मिले। नौ लोगों ने बताया कि लॉकर में उनका कीमती सामान नहीं है। पुलिस ने बैंकवालों से पूछताछ शुरू की। बैंक के नियमों के तहत लंबे समय से बंद पड़े लॉकरों को खोलने के लिए दो स्वतंत्र गवाहों के साथ पांच लोगों की समिति बननी थी। दिसंबर-2021 में रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए समिति बनाई गई।

छह घंटे में करोड़ों का माल पार
लॉकरों के रखरखाव के लिए गोदरेज कंपनी ने पैन कमर्शल नाम की कंपनी को अधिकृत किया था। इस कंपनी ने चंद्रप्रकाश नाम के शख्स को यह काम सौंपा था। पुलिस के मुताबिक निष्क्रिय लॉकरों को खोलने के लिए 9 दिसंबर 2021 को चंद्रप्रकाश अन्य तीन अनधिकृत लोगों करणराज, राकेश और रमेश के साथ शाखा पहुंचा। यहां 29 निष्क्रिय लॉकर खोले जाने थे, लेकिन 10 ऐसे लॉकर खोले गए, जो सक्रिय थे। लॉकरों के अंदर माल की पुष्टि करने के लिए उसके गेट पर बने छोटे से छेद के जरिए लोहे की पतली सी तीली अंदर डाली गई। मुड़ने पर अंदाजा लग गया कि अंदर कीमती सामान है। दोपहर 12 बजे से शाम 6 बजे तक यह सब अनधिकृत तरीके से चला। अधिकारी बैंक में ही मौजूद थे। इस दिन 29 लॉकर खोले गए, जिनमें 10 लॉकरों में सामान था, जबकि रजिस्टर में सिर्फ तीन में सामान होना दर्ज थे। लॉकर खोलने वाले चंद्रप्रकाश ने यह कबूल किया है।

रिकवरी के प्रयास जारी
इस काम के लिए चंद्रप्रकाश को बैंक अधिकारियों ने अलग से 10 हजार रुपये दिए थे। 250-300 ग्राम सोने के जेवर भी दिए गए। जेवर बेचकर उसने 5 लाख रुपये की एफडी बनवा ली। इसकी पुष्टि की जा चुकी है। पुलिस जेवरों की रिकवरी का प्रयास कर रही है।

सेंट्रल बैंक वालों ने धमकाया था
केस की सबसे पहली शिकायकर्ता सीता गुप्ता 7 जनवरी को बैंक पहुंची थीं तो लॉकर खाली मिला, लेकिन सेंट्रल बैंक प्रबंधन ने उन्हें धमकाया। सूत्रों के अनुसार, पुलिस मामले में कई जगह दबिश दे रही है। तत्कालीन बैंक मैनेजर रामप्रसाद और कारीगर चंद्रप्रकाश समेत 4 लोग हिरासत में हैं।

एसीएस की मीटिंग
अपर मुख्स सचिव गृह अवनीश अवस्थी, पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय डायरेक्टर के साथ शुक्रवार को बैठक की। तय हुआ कि हर बैंक में लॉकर सुरक्षा के लिए सीसीटीवी, गार्ड और लॉकरों का निरीक्षण अगले 48 घंटे में पूरा होगा।