प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सांसद साक्षी महाराज व अन्य आरोपियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने महिला का अपहरण कर नौ दिन साथियों सहित दुराचार करने के आरोप से मुक्त करने की निचली अदालत के आदेश पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। आरोप मुक्त करने के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी है।
पूरा मामला कोतवाली नगर, एटा का है जहां एफआईआर दर्ज कराई गई, जिसमें एक महिला ने साक्षी व साथियों पर गार्ड सहित मेडिकल क्लीनिक से उसका अपहरण कर सामूहिक दुराचार का आरोप लगाया। महिला ने कहा कि उदयपुर आश्रम में उसपर हमला किया गया।
क्या है मामला?
इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। जिस पर साक्षी व अन्य ने आरोप मुक्त करने की अर्जी दी। उन्होंने कहा कि उन्हें झूठा फंसाया गया है। पीड़िता ने भी हलफनामा दाखिल कर अपने कोर्ट में दिए गए बयान को सही नहीं माना। इसके बाद फिरोजाबाद, टुंडला के क्षेत्राधिकारी ने विवेचना की. आरोप सही नहीं पाये गये।
मेडिकल जांच का साक्ष्य नहीं- HC
कोर्ट ने कहा कि दुराचार के आरोप पर मेडिकल जांच का साक्ष्य नहीं है। जिनकी क्लीनिक से अपहरण करना बताया गया है उस डॉ. नत्थू सिंह बघेल ने ऐसी घटना से इंकार किया है। किसी चश्मदीद गवाह ने साक्षी का नाम नहीं लिया है। जबकि आरोप साक्षी पर अपने साथियों के साथ अपहरण व सामूहिक दुराचार करने का है। सीओ की जांच में आरोप सही नहीं पाये गये। कोर्ट ने हस्तक्षेप से इंकार करते हुए पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी है।
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