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मामा-भांजे की हत्या: परिजन गिड़गिड़ाते रहे, गालियां देकर पुलिस ने भगाया, फिर मिली लाशें

सार
कानपुर निवासी मामा-भांजे की हत्या का मामला सामने आया है। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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पांच दिन पूर्व पत्योरा गांव से लापता हुए कानपुर निवासी मामा, भांजे की हत्या कर दी गई। झंझरिया जलाला गांव के पास बीच जंगल में कुएं में बुधवार शाम उनकी बाइक और शव पड़े मिले। हत्या के पीछे करीब 20 से 25 लाख रुपये के लेनदेन की बात सामने आई है। 

दोहरे हत्याकांड के मामले में पुलिस की लापरवाही चरम पर रही। कमिश्नरी पुलिस से लेकर हमीरपुर पुलिस ने पीड़ित परिजनों की सुनवाई नहीं की। बर्रा पुलिस ने तो गुमशुदगी तक दर्ज नहीं की। मृतक की बहन और मां को थाने से भगा दिया।

तीन दिनों तक वह थाने चौकी के चक्कर लगाते रहे। आखिर में जब हत्या की खबर मिली तो हर कोई सक्रिय हो गया। ऐसे में परिजन सवाल कर रहे हैं कि क्या दोनों की हत्या होने का पुलिस इंतजार कर रही थी।
मयंक की बहन प्रिया के मुताबिक 12 मार्च की सुबह दोनों घर से गए थे। साढ़े नौ बजे मयंक ने फोन कर बताया था कि वह संतराम के यहां पहुंच गया है। कुछ देर बाद मयंक व विपुल के मोबाइल बंद हो गए थे। देर शाम तक जब वह नहीं लौटे तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की थी।

प्रिया का कहना है कि उनकी बहन स्वीटी व मां अनीता बर्रा थाने पहुंचीं और पूरा मामला बताया तो पुलिसकर्मियों का कहना था कि मामला हमीरपुर का है। कार्रवाई वहां की पुलिस करेगी।
जब परिजनों ने तर्क दिया कि उनका घर बर्रा में है तो पुलिसकर्मियों ने गालियां देकर भगा दिया। ये एक बार नहीं हुआ लगातार तीन दिनों तक होता रहा। बेबस परिजन जब सुमेरपुर पुलिस के पास पहुंचे तो वहां से जवाब मिला कि बर्रा थाने की पुलिस कार्रवाई करेगी। 

9 मार्च को भी बुलाया था, घर पर ही की हत्या
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपियों ने मयंक को 9 मार्च को भी बुलाया था। मगर उस दिन वह वारदात को अंजाम नहीं दे सके थे। इसलिए तीन दिन बाद दोबारा बहाने से बुलाया। आरोपियों ने दोनों को घर में ही मार दिया था। उसके बाद दोनों के शव अलग-अलग बोरे में भरे। उसके बाद कुएं में शव फेंक दिए। बाइक को तोड़कर कुएं में ही डाल दिया था। 
शातिर अपराधी हैं आरोपी, केंद्रीय मंत्री के नाम पर की ठगी 
हत्यारोपियों का आपराधिक इतिहास है। आरोपी शंकरी डकैत भाऊ सिंह, गजरात सिंह व रामकरन के गिरोह में रहा है। उसके खिलाफ हत्या, लूट, डकैती के कई केस दर्ज हैं। संतराम व रामस्वरूप के साथ मिलकर एक केंद्रीय मंत्री के नाम पर ग्रामीणों से धोखाधड़ी कर लाखों रुपये की ठगी की थी। एसपी ने बताया कि करीब 250 से 300 लोगों को सिलाई मशीन देने व आवास दिलाने के नाम पर 20 लाख की ठगी की थी।

विस्तार

पांच दिन पूर्व पत्योरा गांव से लापता हुए कानपुर निवासी मामा, भांजे की हत्या कर दी गई। झंझरिया जलाला गांव के पास बीच जंगल में कुएं में बुधवार शाम उनकी बाइक और शव पड़े मिले। हत्या के पीछे करीब 20 से 25 लाख रुपये के लेनदेन की बात सामने आई है। 

दोहरे हत्याकांड के मामले में पुलिस की लापरवाही चरम पर रही। कमिश्नरी पुलिस से लेकर हमीरपुर पुलिस ने पीड़ित परिजनों की सुनवाई नहीं की। बर्रा पुलिस ने तो गुमशुदगी तक दर्ज नहीं की। मृतक की बहन और मां को थाने से भगा दिया।

तीन दिनों तक वह थाने चौकी के चक्कर लगाते रहे। आखिर में जब हत्या की खबर मिली तो हर कोई सक्रिय हो गया। ऐसे में परिजन सवाल कर रहे हैं कि क्या दोनों की हत्या होने का पुलिस इंतजार कर रही थी।