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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को गंगा पर अधिकार प्राप्त कार्य बल (ईटीएफ) की बैठक में प्रोजेक्ट डॉल्फिन के लिए अनुमोदन प्रक्रिया की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त की है। सूत्रों के मुताबिक, शेखावत ने कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कई भाषणों में इस परियोजना का जिक्र किया था, लेकिन जमीनी स्थिति जस की तस बनी हुई है, काम शुरू होना बाकी है।
गंगा पर ईटीएफ, जिसकी मंगलवार को शेखावत की अध्यक्षता में बैठक हुई, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय गंगा परिषद (एनजीसी) के बाद गंगा पर दूसरा सबसे बड़ा निर्णय लेने वाला निकाय है।
बैठक के दौरान जब केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एक अधिकारी ने अर्थ गंगा परियोजना के तहत नियोजित गतिविधियों की विस्तृत प्रगति रिपोर्ट दी, तो पता चला कि शेखावत ने उनसे प्रोजेक्ट डॉल्फिन के बारे में पूछा था। सूत्रों के अनुसार, अधिकारी ने जवाब दिया कि प्रोजेक्ट डॉल्फिन पर एक मसौदा कैबिनेट नोट तैयार किया गया है, और एक विस्तृत प्रस्ताव जल्द ही तैयार किया जाएगा। तब शेखावत ने टिप्पणी की थी कि मंत्रालय को प्रोजेक्ट डॉल्फिन को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है।
प्रोजेक्ट डॉल्फिन सरकार की एक महत्वाकांक्षी अंतर-मंत्रालयी पहल, अर्थ गंगा के तहत नियोजित गतिविधियों में से एक है, जिसे 14 दिसंबर, 2019 को पीएम की अध्यक्षता में एनजीसी की पहली बैठक में मंजूरी दी गई थी।
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