Ranchi: NH-23 गुमला-पलमा परियोजना के लिये कुल 26 गांव की जमीनें ली जा रही हैं. इसकी लंबाई करीब 88 किमी होगी. यह परियोजना 75 करोड़ की है. इस परियोजना में जमीन अधिग्रहण को लेकर रैयतों का काफी विरोध था, लेकिन अब मामला लगभग सुलझ गया है. जिला प्रशासन ने 350 आवेदनों का निष्पादन कर लिया है. जानकारी के अनुसार प्रशासन ने 40 करोड़ के आसपास मुआवजे का वितरण कर दिया है. प्रशासन ने 500 रैयतों को मुआवजा बांट चुका है. जिला प्रशासन अब वंशावली और जमीन अधिग्रहण से संबंधित शिकायतों को सुनेगा. इसके लिये 15 मार्च को नगड़ी और 16 मार्च को बेड़ों में शिविर लगाया जायेगा.
नगड़ी और बेड़ों में यहां लगेंगे कैंप
15 मार्च को नगड़ी के वार्ड सदस्य बुधुवा उरांव के आवास के पास कैंप लगाया जायेगा. यहां केवल गुमला-पलमा के लिये ली जा रही जमीन से जुड़े शिकायतों को सुना जायेगा. यह कैंप केवल नगड़ी के लोगों के लिये होगा.
16 मार्च को बेड़ो और बारिडीह के रैयतों की शिकायतों का निपटारा किया जायेगा. यह कैंप बेड़ो अंचल कार्यालय में लगाया जायेगा. यहां केवल बेड़ो और बारिडीह के लोगों की शिकायतें ली जायेंगी.
23 मार्च को इटा, चिलदीरी और हातु गांव की शिकायतें ली जायेंगी. यह कैंप इटा गांव के पंचायत भवन में लगाया जायेगा.
क्या होगा कैंप में
15,16 और 23 मार्च को लगने वाले कैंप में गुमला-पलमा परियोजना से जुड़ी शिकायतें ली जायेंगी. इसमें रैयतों द्वारा जमीन से संबंधित दस्तावेज के जरिये वंशावली का सत्यापन किया जायेगा. साथ ही कई लोगों को शिकायत थी कि उनकी जमीन ज्यादा ली जा रही है लेकिन अधिग्रहण वाली सूची में कम दिखाया जा रहा है. इस मामले पर भी जांच की जायेगी.
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