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आयुष्मान भारत योजना ने दिया लिंग समानता को बढ़ावा, 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के गरीबों को मुफ्त में चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। आज यह योजना गरीबों, असहाय लोगों और महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना ने लिंग समानता को बढ़ावा देने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। एक नये अध्ययन में जानकारी सामने आयी है कि अक्टूबर 2019 से सितंबर 2021 तक इस योजना का लाभ पाने वालों में 46.7 प्रतिशत महिलाएं हैं।

अध्ययन के मुताबिक, मणिपुर, नगालैंड, मिजोरम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, केरल और मेघालय में आयुष्मान कार्डधारक महिलाओं की संख्या पुरुष कार्डधारकों से अधिक है। योजना ने लिंग प्रतिमान के बदलाव में भी अहम योगदान दिया है क्योंकि इस योजना के तहत उपचार कराने वाले लाभार्थियों में 46 प्रतिशत से अधिक संख्या महिलाओं की रही है। इस योजना का निरंतर विस्तार हो रहा है। इस योजना से करीब 27,300 निजी एवं सरकारी अस्पताल जुड़े हुए हैं।

गौरतलब है कि इस योजना के तहत 141 ऐसे medical procedures शामिल किए गए हैं, जो सिर्फ महिलाओं के लिए हैं। महिलाएं सिर्फ इस योजना की लाभार्थी ही नहीं हैं बल्कि इस योजना के क्रियान्वयन में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ग्रामीण भारत में आशा वर्कर और अस्पतालों में आरोग्य मित्र से लेकर राज्य की कई हेल्थ एजेंसियों की प्रमुख के तौर पर भी महिलाएं इस योजना के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभा रही हैं। भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना लिंग समानता को बढ़ावा देने में एक मिसाल पेश कर रही है।”

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में शनिवार (26 फरवरी, 2022) को केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने आयुष्‍मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) को 1600 करोड़ रुपये के बजट के साथ पांच वर्ष के लिए राष्‍ट्रीय स्तर पर शुरू करने को मंजूरी दे दी। हेल्थ इकोसिस्टम में डिजिटल स्वास्थ्य समाधान पिछले कुछ वर्षों में अत्यधिक लाभकारी साबित हुए हैं। को-विन, आरोग्य सेतु और ई-संजीवनी ने यह दिखाया है कि स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को सक्षम करने में टेक्नोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन की शुरुआत की थी। इसके जरिए मोदी सरकार देश की स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रही है। इससे जहां अस्पतालों की प्रक्रियाओं में सुधार होगा, वहीं दूर-दराज के लोगों की भी स्वास्थ्य सेवा देने वाली संस्थाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित होगी। इसका लाभ खासकर गरीब और मध्यम वर्ग को मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, अब पूरे देश के अस्पतालों के डिजिटल हेल्थ समाधानों को एक-दूसरे से जोड़ेगा।