Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

कर्नाटक में नाथ संप्रदाय को साधने उतरे योगी आदित्यनाथ

कर्नाटक में बीजेपी 2013 विधानसभा चुनाव की गलती दोहराना नहीं चाहती है. इसी के मद्देनजर पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. गुजरात और त्रिपुरा के बाद एक बार फिर कर्नाटक में बीजेपी का कमल खिलाने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज उतरे हैं. योगी के जरिए बीजेपी राज्य में नाथ संप्रदाय के मतों को साधने के लिए ये कदम उठाया है.
कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने सूबे में प्रभावी लिंगायत समुदाय को जहां हिंदू धर्म से अलग करने का खेल खेला है, वहीं भारतीय जनता पार्टी उत्तरप्रदेश के भगवाधारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की धुआंधार चुनावी रैलियां करवाकर सभी हिंदू पंथों के एक होने का संदेश देना चाहती है।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार आज से और तेज हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में कई रैलियों को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी आज बंगलूरू समेत 3 जगहों पर जनसभा को संबोधित करेंगे वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चार चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। योगी आदित्यनाथ 3 मई से 5 मई तक कर्नाटक में विभिन्न रैलियों और चुनाव प्रचार कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। कर्नाटक में नाथ संप्रदाय के लोगों की तादाद अच्छी खासी है, जिनके बीच योगी आदित्यनाथ का काफी प्रभाव माना जाता है।
नाथ संप्रदाय पर नजर योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ, गोरखनाथ मंदिर के महंत भी हैं. नाथ संप्रदाय पर यकीन रखने वाले लोग नाथ संप्रदाय के महंत को भगवान का दर्जा देते हैं. इतना ही नहीं महंत को महादेव का अवतार भी मानते हैं.
त्रिपुरा में नाथ संप्रदाय के लोगों को बीजेपी खेमे में लाने में योगी ने अहम भूमिका निभाई थी. इसी तर्ज पर कर्नाटक में नाथ संप्रदाय के लोगों को बीजेपी खेमे में लाने की जिम्मेदारी योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई है. कर्नाटक में इस संप्रदाय की जड़ें बहुत गहरी और फैली हुईं हैं. इसी के मद्देनजर योगी को कर्नाटक के सियासी रणभूमि में आज से उतरे हैं.
आजतक से खास बातचीत में खुद ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिद्धारमैया के कुशासन के खिलाफ कर्नाटक की जनता को अपील करने आया हूं. मैं जिस परंपरा से आता हूं उस समुदाय के राज्य में काफी लोग रहते हैं. ऐसे में मेरा सामाजिक और धार्मिक दायित्व बनता है कि राज्य को अराजकता, भ्रष्टाचार और कुशासन से बाहर निकालने में भूमिका अदा करूं. बता दें कि योगी आदित्यनाथ कर्नाटक में रोड शो मिला कर कुल 35 चुनावी रैलियां करेंगे.
कर्नाटक में योगी सक्रिय पिछले कर्नाटक दौर पर योगी ने मंगलुरू के कदाली मठ गए थे. जिसे योगेश्वर मठ के नाम से भी जाना जाता है. ये कर्नाटक में नाथ संप्रदाय का सबसे बड़ा केंद्र है. कर्नाटक के तटीय इलाकों में नाथ संप्रदाय के अनुयायियों की ज्यादा संख्या है.
योगी आदित्यनाथ की एक रैली तटीय इलाके में हो चुकी है और कई रैलियां अभी होनी है. दक्षिण कन्नड और उडपी में नाथ संप्रदाय के लोग अपनी खास पकड़ के लिए जाने जाते हैं.बीजेपी के आलाकमान ने योगी आदित्यनाथ के जरिए दक्षिण भारत के गेटवे में कमल खिलाने की रणनीति बनाई है.
कर्नाटक में योगी के प्रचार अभियान के पहले ही चरण में 12 रैलियों की योजना बनाई गई है। जबकि भाजपा सूत्रों के अनुसार प्रचार अभियान की समाप्ति तक कर्नाटक में योगी की लगभग 34 रैलियां एवं रोड शो होंगे। गुरुवार से शुरू हो रहे उनके पहले चरण के प्रचार अभियान की सभी रैलियां मलेनाडु, पश्चिमी घाट एवं कारवार क्षेत्रों में रखी गई हैं। इन सभी क्षेत्रों में विभिन्न मठों-मंदिरों की बहुतायत है। इनमें लिंगायत, वोक्कालिगा, कुरुबा एवं ब्राह्मण सभी समुदायों के मठ हैं। इन मठों में आस्था रखनेवाले लाखों लोग हैं।
कर्नाटक में योगी के प्रचार अभियान के पहले ही चरण में 12 रैलियों की योजना बनाई गई है। जबकि भाजपा सूत्रों के अनुसार प्रचार अभियान की समाप्ति तक कर्नाटक में योगी की लगभग 34 रैलियां एवं रोड शो होंगे। गुरुवार से शुरू हो रहे उनके पहले चरण के प्रचार अभियान की सभी रैलियां मलेनाडु, पश्चिमी घाट एवं कारवार क्षेत्रों में रखी गई हैं। इन सभी क्षेत्रों में विभिन्न मठों-मंदिरों की बहुतायत है। इनमें लिंगायत, वोक्कालिगा, कुरुबा एवं ब्राह्मण सभी समुदायों के मठ हैं। इन मठों में आस्था रखनेवाले लाखों लोग हैं।
आमतौर पर बड़े सुव्यवस्थित तरीके से चलनेवाले इन मठों के जरिए अध्यात्म का तो प्रचार-प्रसार होता ही है। इनके जरिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी जनोपयोगी सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं।
राजनीतिक विश्लेषक वेणुगोपलन कहते हैं कि जिस प्रकार हिंदुओं के एक अंग नाथ संप्रदाय के महंत योगी आदित्यनाथ भगवा धारण करते हैं, उसी प्रकार लिंगायत, वोक्कालिगा, कुरुबा आदि संप्रदायों के मठाधीश भी भगवा ही धारण करते हैं। ये सभी वर्ग भगवद्गीता, उपनिषद एवं वेदों का भी अध्ययन करते हैं। भले ही इनकी पूजा पद्धतियां भिन्न-भिन्न हों। योगी की सभाओं से इन्हीं विभिन्नताओं में एकता का संदेश देने की योजना बनाई गई है। सिद्धारमैया सरकार मंदिरों की तर्ज पर ही मठों के भी अधिग्रहण का कानून बनाना चाहती थी। मठों के तीव्र विरोध के कारण यह प्रस्ताव मंत्रिमंडल की बैठक के सामने नहीं आ सका था। माना जा रहा है कि योगी अपनी सभाओं में इस मुद्दे को भी छूने का प्रयास करेंगे।
गुजरात एवं त्रिपुरा में योगी की रैलियों से भाजपा को हुए चुनावी लाभ को देखते हुए कर्नाटक में योगी की धुआंधार सभाओं की योजना ने कांग्रेस को सोचने पर विवश कर दिया है। संभवत: यही कारण है कि कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव योगी के लिए अपशब्दों का प्रयोग भी कर चुके हैं। कर्नाटक के गृहमंत्री रामलिंगा रेड्डी ने भी योगी के कर्नाटक में प्रचार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि जिसके राज्य में भाजपा नेता ही दुष्कर्म कांड में फंसे हों, वह कर्नाटक की कानून-व्यवस्था के बारे में क्या कहेंगे।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी योगी पर तंज कसते हुए कहा है कि जो अपने लोकसभा क्षेत्र को ही नहीं बचा पाए, वे कर्नाटक में भाजपा की क्या सहायता करेंगे। सिद्धारमैया ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से उत्तरप्रदेश में योगी सरकार की असफलताओं की जानकारी मतदाताओं को देने का आह्वान भी किया है।
कर्नाटक को जेहादियों की शरणस्थली नहीं बनने देंगे: योगी
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि भाजपा कर्नाटक को जेहादियों की शरणस्थली नहीं बनने देगी। वह आज कर्नाटक के शिमोगा जनपद स्थित एक तालुका सागर में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे।
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर प्रहार करते हुए योगी ने कहा कि कर्नाटक में यासीन भटकल जैसे जेहादी पलते रहे हैं। यही कारण है कि यहां 23 देशभक्तों की हत्याएं हो चुकी हैं। एक साल पहले तक ऐसी ही स्थिति उत्तरप्रदेश में भी थी। ऐसे जेहादियों से निपटने के लिए एक अच्छी सरकार की जरूरत होती है। हमें कांग्रेस की विभाजनकारी मंसा नहीं, प्रधानमंत्री के सपनों के अनुसार एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करनेवाली सरकार चाहिए। राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद कर्नाटक में कांग्रेस शासन के दौरान चला आ रहा लूट-खसोट का दौर खत्म होगा। कर्नाटक कांग्रेस का एटीएम बनने से बचेगा।
कुछ दिनों पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने योगी के कर्नाटक आने पर सवाल उठाया था। जिसका उत्तर देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारा तो कर्नाटक से संबंध बहुत पुराना है, जितना स्वयं सिद्धारमैया का भी नहीं होगा। हमारा योगेश्वर मठ इसी राज्य में है। काशी के कालभैरव की तरह ही यहां योगेश्वर भैरव हैं।
योगी ने हनुमान जी को भी उत्तरप्रदेश एवं कर्नाटक को जोडऩेवाली एक कड़ी के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि जब राम अपने वनवासकाल में जंगलों में भटक रहे थे, तब इसी धरती ने उन्हें हनुमान के रूप में सबसे विश्वस्त साथी प्रदान किया। आज पूरे उत्तर भारत में जितने मंदिर बजरंगबली के पाए जाते हैं, उतने राम के भी नहीं मिलते।
योगी सागर के गांधी मैदान की सार्वजनिक सभा में जाने से पहले श्री रामचंद्रपुरा मठ के मठाधीश श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य श्रीमद् राघवेश्वर भारती महाराज महास्वामी से भी मिलने गए। राघवेश्वर भारती द्वारा कर्नाटक में देसी गायों के संरक्षण के लिए गोतीर्थ बनाने की परियोजना शुरू करने जा रहे हैं। फिर सभा में बोलते हुए योगी ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री एवं राजस्व मंत्री गोमांस भक्षण का प्रोत्साहन देते हैं। हमें यहां से ऐसी सरकार को हटाकर कांग्रेसमुक्त कर्नाटक का सपना साकार करना चाहिए, ताकि यहां गायों की रक्षा हो सके।