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Jamshedur : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने शनिवार को चक्रधरपुर रेल मंडल द्वारा आयोजित जमशेदपुर स्टेशन के दूसरे प्रवेश द्वार का उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर रेलवे को खरीखोटी सुनायी है. रेलवे की बदइंतजामी से भड़के सरयू राय ने कहा है कि लगा ही नहीं कि यह भारत सरकार के एक शीर्ष उपक्रम का कार्यक्रम है. उन्होंने कहा है कि कार्यक्रम का आयोजन न केवल कुप्रबंध से भरा था बल्कि आमंत्रित अतिथियों के लिए अपमानजनक भी था. सरयू राय ने लिखा है कि भारत सरकार के रेल विभाग के कार्यक्रम में ऐसी भेड़िया धसान स्थिति उत्पन्न होने का अंदेशा मुझे नहीं था और न ही यह उम्मीद थी कि रेल अधिकारियों ने हमें बुलाकर मात्र औपचारिकता का निर्वाह किया है. इस कारण मुझे उद्घाटन स्थल तक पहुंचे बिना वापस आना पड़ा.
विधायकों को महत्व नहीं, रेलवे को सिर्फ सांसद की चिंता
बकौल श्री राय – रेलवे स्टेशन का दूसरा प्रवेश द्वार मेरे विधानसभा क्षेत्र की ओर खुलता है और वहां से निकलनेवाला पैदल पार पथ (फुट ओवर ब्रिज) विधायक मंगल कालिंदी के क्षेत्र तक जाता है. रेल अधिकारियों ने हम दोनों को लिखित आमंत्रण देकर बुलाया था, परंतु वहां की व्यवस्था से लगा कि रेल अधिकारियों को केवल माननीय सांसद महोदय की ही चिंता है. विधायकों का कोई महत्व उनकी नजर में नहीं है. स्थानीय विधायकों को बुलाकर उन्होंने केवल औपचारिकता का निर्वाह किया है. लगा कि हमें उन्होंने केवल पुष्प गुच्छ और शाल स्वीकार करने के लिए बुलाया था. आमंत्रित अतिथियों के मंच से उतर कर उद्घाटन स्थल तक निर्विघ्न पहुंचने के लिए भी रेलवे ने कोई प्रबंध नहीं किया था. उन्हें केवल सांसद महोदय को ही उनके कार्यकर्ताओं के साथ उद्घाटन स्थल तक सुरक्षित पहुंचाने की चिंता थी. शायद ऐसा इसलिए भी हो कि सांसद महोदय ही केंद्र सरकार में बैठे सरकारी दल के एकमात्र प्रतिनिधि हैं. उस दल का एक भी विधायक कोल्हान से नहीं है.
चैंबर अध्यक्ष की भूमिका नहीं निर्धारित की
सरयू राय ने कहा है कि चैंबर ऑफ कॉमर्स रेलवे का महत्वपूर्ण हितधारक संगठन है. चैंबर के अध्यक्ष की कोई भूमिका इस कार्यक्रम में रेल अधिकारियों ने निर्धारित नहीं की थी. रेलवे के दूसरे प्रवेश द्वार का प्रयोग करने वालों में मेरे विधानसभा क्षेत्र की जनता सर्वाधिक है. प्रवेश करने के बाद और प्रवेश करने से पहले जन सुविधाओं के घोर अभाव के बारे में हम कुछ बता नहीं दें और उनकी व्यवस्था करने के बारे में हम सार्वजनिक रूप से मांग नहीं कर दें, शायद इसलिये रेल अधिकारियों ने न तो मुझे दो शब्द कहने का अवसर दिया और न ही विधायक मंगल कालिंदी को ही कुछ बताने का अवसर दिया.
ऐसे भेड़िया धसान की उम्मीद नहीं थी
सरयू राय ने कहा है कि उनके लिए यह दूसरा अवसर था, जब लगा कि यदि जमशेदपुर में सांसद महोदय के साथ किसी संयुक्त सार्वजनिक कार्यक्रम में जाने का आमंत्रण मिले, तो अपने साथ कार्यकर्ताओं का एक बड़ा समूह लेकर जाना चाहिए. ताकि वे भी समानांतर गला फाड़ नारे लगा सकें और लोगों को धकिया कर अपने लिए आगे जाने का रास्ता बना सकें. उम्मीद है रेल अधिकारी किसी को अपने कार्यक्रम में अतिथि के रूप में बुलाकर भविष्य में ऐसी अपमानजनक स्थिति उत्पन्न नहीं करेंगे.
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