UP Election 2nd Phase : उत्तर प्रदेश के 9 जिलों की 55 सीटें तय करेंगी जाटलैंड का जनादेश, जानिए कहां डाले जाएंगे वोट – Lok Shakti
October 18, 2024

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UP Election 2nd Phase : उत्तर प्रदेश के 9 जिलों की 55 सीटें तय करेंगी जाटलैंड का जनादेश, जानिए कहां डाले जाएंगे वोट

लखनऊ : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले फेज के चुनाव के बाद दूसरे चरण (UP Second Phase Voting) में चुनाव होने हैं, इसलिए इस पूरे इलाके में सियासत भी गरमाई हुई है। ये पूरा इलाका किसान आंदोलन की वजह से प्रभावित रहा है। माना जा रहा है कि जाटलैंड में बीजेपी के लिए इस बार यहां राह आसान नहीं होने वाली। दरअसल पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जब भी बात आती है तो जाट और मुसलमानों की बात जरूर होती है, क्योंकि दोनों की आबादी यहां अच्छी खासी है। सोमवार को वेस्ट यूपी के 9 जिलों की 55 सीटों पर वोट पड़ेंगे।

दूसरे चरण में सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, अमरोहा, बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर में वोट पड़ेंगे। इस चरण में सपा के साथ उसके सहयोगी रालोद और महान दल के भी उम्मीदवार हैं। वहीं, भाजपा अपने सहयोगी अपना दल के साथ उतरी है। बसपा व कांग्रेस के साथ असुद्ददीन औवेसी की एआईएमआईएम भी सियासी मौजूदगी के लिए चुनाव मैदान में है।

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जाटलैंड का क्या है गणित?
यूपी में जाट समुदाय की आबादी करीब 6-7 फीसदी मानी जाती है। इस समाज का संकेंद्रण वेस्ट यूपी में है। वेस्ट यूपी में जाट समाज की आबादी करीब 17 फीसदी हैं। वेस्ट में दलित, मुस्लिम के बाद तीसरे नंबर पर जाट हैं। जाट पश्चिमी यूपी की 18 लोकसभा सीटों और 120 विधानसभा सीटों पर हार-जीत तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। जाटों को साधने की वजह से ही बीजेपी ने पश्चिमी यूपी में 2014 के लोकसभा चुनाव, 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की थी।

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दूसरे चरण के बड़े चेहरे
इनमें प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना (शाहजहांपुर सदर), जल शक्ति राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख (बिलासपुर), नगर विकास राज्य मंत्री महेश चंद्र गुप्ता (बदायूं), माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी (चंदौसी), आयुष राज्यमंत्री रहे और अब सपा के प्रत्याशी धर्म सिंह सैनी (नकुड़), वरिष्ठ सपा नेता आजम खान (रामपुर सदर) और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम (स्वार) प्रमुख हैं। दूसरे चरण में जिन क्षेत्रों में मतदान होने जा रहा है वहां मुसलमानों की आबादी काफी ज्यादा है और इन्हें समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है।

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2017 में बीजेपी को मिली थी 38 सीटों पर जीत
हालांकि वर्ष 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इन 55 में से 38 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि सपा को 15 और कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं। कांग्रेस और सपा ने पिछला विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। सपा को जो 15 सीटें मिली थी उनमें से 10 पर मुस्लिम प्रत्याशी जीते थे। दूसरे चरण के चुनाव के लिए प्रचार में सभी राजनीतिक दलों ने अपना पूरा जोर लगाया। भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रमुख रूप से मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी पर हमलावर रहे और उत्तर प्रदेश को दंगा मुक्त रखने के लिए भाजपा सरकार को जरूरी बताया।

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किस पार्टी ने उतारे कितने मुस्लिम उम्मीदवार?
ऐसे में वोटों के ध्रुवीकरण बनाम विभाजन के आजमाए नुस्खे का असर इस बार संशय में है। इस चरण में सपा ने 18, बसपा ने 23, कांग्रेस ने 21 और औवेसी की पार्टी ने 15 मुस्लिमों को उतारा है। भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) ने भी स्वार टांडा से मुस्लिम उम्मीदवार उतारा है। कई सीटों पर इस बार भी सीधा टकराव है। पिछली बार भले बसपा इस चरण में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उसने इस क्षेत्र की चार सीटें जीती थीं। तीन सीटें गठबंधन सहयोगी सपा को भी मिली थीं।

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मंत्री और दलबदलू भी मैदान में
दूसरे चरण में जहां सरकार के मंत्रियों पर अपनी प्रतिष्ठा बचाने का दबाव है, वहीं विपक्ष के कई चेहरों के लिए भी अपना करिश्मा साबित करने की चुनौती है। सपा के कद्दावर चेहरे व रामपुर के सांसद आजम खान के ऊपर अपने और बेटे दोनों की ही सीट बचाने का दबाव है। आजम जेल में और बेटा जमानत पर है। अखिलेश यादव ने शुक्रवार को रामपुर में उनके समर्थन में सभा की थी। सहारनपुर के नकुड़ से विधायक व योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री धर्म सिंह सैनी इस बार साइकल पर सवार हैं।

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इन 9 जिलों की 55 सीटों पर होनी है वोटिंग

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प्रतीकात्मक तस्वीर