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राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी- अगर कांग्रेस न होती तो 1984 में सिख नरसंहार न होता, कश्मीर से पंडितों का पलायन न होता

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कहा कि देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा, तब हमें देश को कहां ले जाना है, कैसे ले जाना है, इसके लिए ये बहुत महत्वपूर्ण समय है। उन्होंने कहा कि हम सभी राजनेताओं ने देश को आने वाले 25 साल में कैसे ले जाना है, उस पर ध्यान केंद्रित करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोकतंत्र और बहस भारत में सदियों से चल रहा है और कांग्रेस की परेशानी यह है कि परिवारवाद के आगे उन्होंने कुछ सोचा ही नहीं।

भारत के लोकतंत्र को सबसे ज्यादा खतरा परिवारवादी पार्टिंयों से है। इसमें सबसे पहली कैजुअल्टी टेलेंट की होती है. उन्होंने कहा कि संसद में कहा गया कि कांग्रेस न होती तो क्या होता, इसका जवाब मैं देता हूं। महात्मा गांधी की ही यह इच्छा थी। अगर उनकी इच्छा के अनुसार अगर कांग्रेस न होती तो आज लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस ना होती तो सिखों का नरसंहार ना होती। अगर कांग्रेस न होती तो आपातकाल का कलंक न होता।

अगर कांग्रेस ना होती तो पंजाब आतंकवाद की आग में ना जलता, ना ही कश्मीरी पंडितों का पलायन न होता। अगर कांग्रेस ना होती तो बेटियों को तंदूर में ना जलाया गया होता। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में रही तो देश का विकास नहीं होने दिया। अब जब विपक्ष में है तब देश के विकास में बाधा डाल रही है। उन्होंने कहा कि ने अगर कांग्रेस ना होती तो देश में जातिवाद की जड़े गहरी ना होती। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस कोरोना काल में 80 करोड़ से भी अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन देकर दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है।

यह भी सुनिश्चित किया गया कि गरीबों के लिए रिकॉर्ड घर बनाए जाएं, ये घर पानी के कनेक्शन से लैस हों। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में रोजगार के बारे में कहा कि साल 2021 में एक करोड़ 20 लाख लोग ईपीएफओ से जुड़े हैं, ये सब फॉर्मल जॉब हैं। इनमें से भी 65 लाख 18-25 आयु के हैं। मतलब ये इन लोगों की पहली जॉब है। कोविड प्रतिबंध खुलने के बाद हायरिंग दोगुनी हो गई हैं। नैस्कॉम के अनुसार 2017 के बाद 27 लाख रोजगार आईटी सेक्टर में प्राप्त हुआ।

2021 में भारत में जितने यूनिकॉर्न बने वो पहले के वर्षों में बने कुल यूनिकॉर्न से भी ज्यादा हैं। अगर ये सब रोजगार की गिनती में नहीं आता तो फिर ये रोजगार से ज्यादा राजनीति की चर्चा ही मानी जाती है। राज्यसभा में राष्ट्रपति के संसद में अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया अभी भी कोविड-19 से जूझ रही है। मानवता ने पिछले सौ वर्षों में इस तरह की कोई चुनौती नहीं देखी है। भारत के लोगों ने वैक्सीन ले ली है और उन्होंने ऐसा न केवल अपनी सुरक्षा के लिए बल्कि दूसरों की सुरक्षा के लिए भी किया है।