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ताजनगरी में छाया वसंत का उल्लास: दयालबाग में वसंत पर्व की धूम, पीली झालरों से सजे घर-द्वार

ताजनगरी में ऋतुराज के स्वागत में वासंती छटा छायी है। खासकर दयालबाग में, यहां वसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। वसंत पर्व के दिन ही 1915 में दयालबाग की स्थापना हुई थी। वसंत पर्व के स्वागत में दयालबाग भव्य रूप से सजाया गया है। पीले रंग की झालरों से घर सजे हैं। कॉलोनियों में आकर्षक तोरण द्वार सजाए गए हैं। आस्था और विश्वास की इस ‘अद्भुत धरती’ पर सत्संगी वसंत के रंग में सराबोर हैं। 

दयालबाग के विद्युत नगर, श्वेत नगर, दयाल नगर, सरन आश्रम, राधा नगर और स्वामी नगर में सत्संगियों ने रंगाई-पुताई कर घरों को सजाया है। द्वार पर आकर्षक रंगोली सजी हैं। घरों में पीले रंग के पकवान बनाए गए हैं। इसमें पीले रंग के मीठे चावल और हलवा विशेष तौर से बना। वसंत पर्व के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देशभर से सत्संगी दयालबाग आए हैं। दयालबाग में दोपहर को खेलकूद के कार्यक्रम होंगे। 

वसंत पर्व पर हुई था राधा स्वामी मत की स्थापना

वसंत पर्व के दिन ही राधा स्वामी मत की स्थापना हुई थी। राधा स्वामी मत के संस्थापक स्वामी जी महाराज का जन्म आगरा के पन्नी गली में 1818 में हुआ था। इन्होंने 1861 में वसंत पंचमी के दिन राधा स्वामी मत की स्थापना की थी। दयालबाग की स्थापना भी वसंत पर्व के दिन 1915 में हुई थी। तभी से दयालबाग में वसंत पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। 

वसंत पर्व पर पूरा दयालबाग पीले रंग में ही नजर आ रहा है। सीमा सत्संगी ने बताया कि वसंत पंचमी पर घर की बनी सामग्री से ही प्रसाद तैयार किया जाता है, इसमें मीठे चावल और हलवा का विशेष महत्व है। पीले रंग के पकवान बनाए जाते हैं। इसकी तैयारियां पहले ही कर जाती हैं। देश-विदेश से आए सत्संगियों में उत्साह और उल्लास है। 

दयालबाग के तीन दिवसीय वसंतोत्सव में शनिवार को खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन होगा। शाम को भव्य रंग-बिरंगी झालरों से भव्य सजावट होगी। इससे पूर्व शुक्रवार को दयालबाग में हुई जिमनास्टिक प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने गजब की फुर्ती और संतुल का खेल दिखाया। ऐसे हैरतअंगेज करतब दिखाए, जिसे देखकर सत्संगी दंग रह गए। 

विद्या की देवी सरस्वती का जन्मदिव वसंत पंचमी वसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है। कहा जाता है कि इस दिन पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। इस पर्व के महत्व का वर्णन पुराणों और अनेक धार्मिक ग्रंथों में किया गया है। पीला रंग इस बात का भी द्योतक है कि फसलें पकने वाली है, इसके अलावा पीला रंग रंग समृद्धि का सूचक भी कहा गया है।